श्रावण मास के अंतिम महीने में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार घर- घर में सत्यनारायण व्रत कथा का हुआ आयोजन

रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में दिन के 1बजे के बाद वाहनों ने बांधी भाई के कलाई पर राखी, खराब मौसम तथा बूंदा बुदी के बीच बड़ी संख्या में बहनों ने भीगते हुए सरकारी बसो के अभाव में टेंपो में बैठकर अपने अपने गंतव्य स्थान को पहुंची भाइयों को बांधी राखी

कृष्णा यादव, तमकुहीराज/ कुशीनगर।श्रावण मास के शुभ विदाई एवं भादो मास के आगमन के बीच मौसम का मिजाज भीबदला -बदला रहा रुक-रुक कर बारिश होती रही बदले मौसम में बहनों ने दोपहर में घरों से निकलकर अपने गंतव्य स्थान को जाने के लिए तमकुही राज नेशनल हाईवे ओवर ब्रिज चौराहे के पास पहुंची परंतु सरकारी बस का टोटा रहा।

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सरकारी बस के अभाव में प्राइवेट टेंपो पर बैठकर अपने गंतव्य स्थान को पहुंची तथा भाई को राखी बांधकर बहन और भाई के प्रेम को प्रगाढ करते हुए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया।

इस मास में हिंदू धर्म के रीति रिवाज अनुसार सत्यनारायण भगवान की कथा घर-घर मनाई गई। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सत्यनारायण भगवान की कथा से ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस कथा को पढ़ने और सुनने वाले लोगों की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ति होती है।

भगवान विष्णु का व्रत करने से सारे कष्ट दूर होते हैं। घर में कथा करने से जीवन में आई कठिनाइयां परेशानियां दुख दरिद्रता आदि सभी दूर होते हैं और मनुष्य को सुख शांति के साथ बहुत लाभ होते हैं। जहां घरों में कथा करने से सकारात्मक ऊर्जा आ जाती है। इससे व्यक्ति के मन में पैदा होने सभी बेकार गलत भावनाएं समाप्त हो जाती हैं।

हिंदू धर्म में सत्यनारायण पूजा भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाने वाला एक धार्मिक समारोह है। जिसे ब्रह्मांड के संरक्षण के रूप में जाना जाता है यह पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है।

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