वाहन चेकिंग सिर्फ आम जनता के लिए अवैध कारोबारीयों और बालू माफियाओं के लिए यह कानून क्यों नहीं

वाहन चेकिंग के दौरान यहां पर सिर्फ उन्हीं की गाड़ियां पकड़ी जाती हैं, जो एक आम जनता है।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर नई दिल्ली) TV9 भारत समाचार  गोड्डा (झारखंड)।  तस्वीर तो आपने बहुत अच्छी होगी। लेकिन आज जो तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं, यह अनोखी तस्वीर है। वाहन चेकिंग का नाम इसी का जीता जागता सबूत है। आज हम आपको दिखाएंगे, कि यह तस्वीर कहीं दूर की नहीं यह तस्वीर झारखंड के गोड्डा जिला महागामा थाना की बाहर की है। यह तस्वीर है वाहन चेकिंग की, किस तरह से धज्जियां उड़ा रही है। और माफिया मजे ले रहे हैं।

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हम आपको पूरी कहानी बताते हैं। आपने सुना ही होगा आए दिन सड़क दुर्घटना के बारे में कई खबर पढ़ी होंगीं। जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा समय-समय पर वाहन चेकिंग का निर्देश भी निकाला जाता है। गोड्डा जिला अंतर्गत सभी थानों में वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है। लेकिन गोड्डा जिला में एक ऐसा भी थाना है जहां वाहन चेकिंग के दौरान आम जनता और माफियाओं के लिए कानून अलग-अलग हो जाते हैं। पहले आप इन तस्वीरों को अच्छी तरह से देखें, फिर हम आपको बताएंगे कि खेल क्या है। हम बात कर रहे हैं झारखंड के गोड्डा जिला स्थित महागामा थाना की, जहां समय-समय पर प्रशासन के द्वारा वाहन चेकिंग की जाती है। लेकिन पता नहीं क्यों आम जनता और माफियाओं के लिए यह नियम कानून अलग अलग क्यों हो जाते हैं। चेकिंग के दौरान यहां उन्हीं की गाड़ियां पकड़ी जाती हैं जो आम जनता है। जो रसूखदार नहीं है। गाड़ी उन्हीं की जब्त होती हैं जिस आम जनता के ऊपर से नीचे तक कोई पहुंच नहीं होती है। आप स्क्रीन पर चल रही तस्वीर देख पा रहे होंगे, जिसमें एक तस्वीर में महागामा के थाना प्रभारी और पुलिस बल के द्वारा वाहन चेकिंग किया जा रहा है। इस तस्वीर को देखने के बाद यह हर कोई कहेगा कि महागामा पुलिस बहुत ही इमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रही है। लेकिन जैसे ही आपकी नजर दूसरी तस्वीर पर पड़ेगी तो शायद आप हैरात में पड़ जाएंगे वहीं दूसरी तस्वीर में कुछ ऐसे लोग हैं, जो झारखंड में एचटी लगने के बाद भी खुलेआम मोटरसाइकिल से लेकर जुगाड़ गाड़ी पर बालू लोड कर तेज फर्राटेदारें  महागामा थाना गेट के सामने से पर हो जा रहे हैं। उनके सिर पर ना तो हेलमेट होती है ना ही बालू की चालान, अब आप ही बताइए ना सब इन बाब माफियाओं का कौन सा नियम और कानून है। जो आम जनता के कानून से अलग है। क्या पता कहीं इन माफिया का यमराज से सेटिंग तो नहीं है, यह तो पुलिस जानती होगी इनके साथ कोई दुर्घटना नहीं होगी। अगर आप तस्वीर को गौर से देखेंगे तो आपको तस्वीर में बिना हेलमेट के दो पुलिसकर्मी भी नजर आएंगे। उनके साथ भी दुर्घटना नहीं होगी। शायद इसलिए क्योंकि यह कानून के रखवाले हैं। अब सवाल यह  उठता है कि क्या नियम कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है। क्या बालू माफियाओं और रसूखदार लोगों के लिए संविधान में अलग कानून है। अगर कानून के रखवाले ही कानून को तोड़ेंगे तो लोग कानून पर कैसे भरोसा कर सकते हैं। क्या बड़े-बड़े आला अधिकारियों के पास इन सवालों का जवाब है। क्या इस सिस्टम में सुधार होगा तो आखिर कब तक होगा। क्योंकि यह सवाल आम जनता का है, और TV9 भारत समाचार इसकी आवाज बनकर जिला प्रशासन से यह सवाल पूछ रहा है।

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