मौत के सौदागर बने सील हॉस्पिटल छः माह से हो रही संचालित,स्वास्थ्य महकमा को भनक तक नहीं
प्रसव के दौरान एक महिला की मौत के बाद जगा स्वास्थ्य महकमा, घटना की जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नगर में छापा मारकर दो अस्पतालों को किया सील
बलराम गिरि,जिला संवाददाता :हाटा/कुशीनगर।जनपद कुशीनगर के हाटा नगर के थरुआडीह में शनिवार की रात प्रसव के दौरान एक महिला की मौत के मामले में मृतक महिला के देवर की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अस्पताल के संचालक, डॉक्टर, स्टाॅफ और एजेंट के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत केस दर्ज है। घटना की जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नगर में छापा मारकर दो अस्पतालों को सील किया।
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हाटा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं0.17 थरुआडीह निवासी राजन कन्नौजिया की 26 वर्षीय पत्नी नीतू कन्नौजिया को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार को दोपहर में परिजन हाटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे। मिली जानकारी के मुताबिक वहां हालत गंभीर बताकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल में ही सक्रिय दलाल द्वारा उसे बेहतर व सुरक्षित इलाज का आश्वासन देते हुए उसी वार्ड के एक निजी अस्पताल में ले जाने को कहा गया जहां पहुंचने पर अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता के ऑपरेशन की जरुरत बताई।
परिजनों की सहमति पर डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन किया। लेकिन महिला की हालत और भी खराब होने लगी। उसके बाद महिला की हालत गंभीर बताकर उसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दी और अस्पताल बंद करके भाग गए, जबकि परिजनों ने देखा तो प्रसूता की मौत हो चुकी थी। नवजात की हालत भी गंभीर देखते हुए परिजन उसे गोरखपुर लेकर चले गए।
मृतका के देवर जितेंद्र कन्नौजिया ने हाटा कोतवाली में अस्पताल के संचालक, डॉक्टर, स्टाॅफ और एजेंट के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की की थी। पुलिस ने मृतका के देवर जितेंद्र कन्नौजिया की तहरीर पर न्यू गोल्ड अस्पताल के संचालक, डॉक्टर, स्टाॅफ और एजेंट के खिलाफ गैर इरादतन हत्या एवं मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।
सभी आरोपियों का नाम पता अज्ञात होने की वजह से पुलिस इनके बारे में पता लगा रही है। बताया जा रहा है कि यह अस्पताल करीब छह माह पहले छापे के दौरान बोर्ड पर पंजीकरण नंबर और डॉक्टर का नाम न होने की वजह से सील कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद पुन: इसे संचालित किया जा रहा था।
अस्पतालों में मरीजों की मौत पर सक्रिय होता है स्वास्थ्य महकमा
स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था और मानकविहीन निजी अस्पतालों के संचालन से मरीजों की हालत बिगड़ने से मौत हो रही है। ऐसे अस्पतालों में न तो वैध डॉक्टर हैं और न ही संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे अस्पतालों में लापरवाही और अप्रशिक्षित डॉक्टर व अन्य स्टॉफ के इलाज करने के कारण कई मरीजों की जान चली जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग न तो ऐसे अस्पतालों की जांच करने की जहमत उठाता है और न ही कोई ठोस कार्रवाई ही होती है।
जब कोई घटना हो जाती है तो विभाग के अधिकारी दो चार दिनों तक कार्रवाई की कोरमपूर्ति कर लेते हैं। शनिवार को हाटा में प्रसूता की मौत की जानकारी होने पर रविवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नगर में संचालित कई अस्पतालों की जांच की गई। डिप्टी सीएमओ डॉ. आरके गुप्ता की अगुवाई में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुद्धा हॉस्पिटल में डॉक्टर न होने और दूसरे अस्पताल पर कोई बोर्ड न होने के कारण सील कर दिया।
हाटा सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित गुप्ता ने जानकारी दी कि उन्हें नगर में अस्पतालों के अवैध रूप से संचालित होने की जानकारी नहीं है। प्रसव के बाद एक अस्पताल में एक प्रसूता की मौत की जानकारी मिली है।संबंधित अस्पताल के संचालक व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
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