बांका के सनोज व मुजफ्फरपुर के अभिजीत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई
हर साल लगभग 10 लाख छात्र पारंपरिक सरकारी परीक्षाओं के मार्ग का चुनाव करते हैं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर नई दिल्ली) TV9 भारतसमाचार (पटना)। हम बिहार से अक्सर ही सफलता की कहानी पढ़ते हैं। यूपीएससी, एसएससी, रेलवे बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने का दौर है। बिहार में हर साल लगभग 10 लाख छात्र पारंपरिक सरकारी परीक्षाओं के मार्ग का चुनाव करते हैं। और उनमें कुछ उत्तीर्ण एवं भाग्यशाली छात्रों के हाथ सरकारी नौकरियां आती हैं। ऐसे दौर में कुछ एक छात्र होते हैं जो विपरीत दिशा में आगे बढ़ाने और प्राइवेट सेक्टर में करियर बनाने का साहस दिखाते हैं।
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बांका के सनोज कुमार और मुजफ्फरपुर के अभिजीत कुमार ने विपरीत दिशा में आगे बढ़ने का साहस दिखाया और आज वह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं। यह उन छात्रों की कहानी है, जिन्होंने साहस और हाथ में विश्वास के साथ कड़ी मेहनत की और अपनी छिपी हुई क्षमताओं को संवेदनशील रूप से निर्देशित करके एक कामयाब और संतोषप्रद करियर बनाया। सनोज कॉलेज में सीखे थियोरेटिकल एग्जाम के साथ व्यवहारिक कौशल सीखना चाहता था। उन्होंने मसाई ढूंढा जो उन्हें ऐसा करने में मदद कर सकता था। भागलपुर बिहार से सनोज ने इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री के साथ अपनी शिक्षा की शुरुआत की। सनोज में कोचिंग सीखने की जिज्ञासा तब जागृत हुई जिस दिन उन्होंने यूट्यूब पर मसाई का विज्ञापन देखा। मसाई के पे आफ्टर प्लेसमेंट मॉडल ने सनोज को अपनी तरफ आकर्षित किया। मसाई से मिले 35 हफ्तों के प्रशिक्षण उपरांत नौकरी पाने के अवसर ने सनोज की उम्मीदों को बढ़ा दिया। सनोज ने इंजीनियरिंग के आठवें और अंतिम सेमेस्टर के दौरान मसाई में एडमिशन प्राप्त किया और बिना अपने माता-पिता को बताएं अपने जीवन को एक नई दिशा दी। सनोज ने मसाई में कड़ी मेहनत की और तेजी से बदलते टेक्नोलॉजी कार्य क्षेत्र के अनुसार अपने आप को बदल डाला। सनोज ने मसाई के पाठ्यक्रम का पूरा लाभ उठाया और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से डाटा स्ट्रक्चर्स एंड एल्कोहोलिज्म और जावास्क्रिप्ट में महारत हासिहासिल की। कंस्ट्रक्ट वीक के दौरान सनोज ने अन्य छात्रों के साथ वास्तविक दुनिया से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम किया। जिससे उन्हें एक टीम में काम करने और समस्याओं का समाधान करने के स्किल प्राप्त हुए। इस स्किल से सनोज को इंटरव्यू में सफलता पाने में मदद हुई। सनोज ने मसाई के पाठ्यक्रम की मदद से यकीन करे आईओएस डेवलपर के रूप में नौकरी प्राप्त की। सनोज की सीखने की इच्छा ने उनके परिवार को बेहतर भविष्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । वही बात करें अभिजीत कुमार की तो उन्हें सीखने और जीवन में आगे बढ़ाने की इच्छा थी और उन्हें यह करने का सही माध्यम मसाई में प्राप्त हुआ। मसाई में एडमिशन प्राप्त करने के बाद अभिजीत की कोडिंग में छिपी प्रतिभा सामने आई। उन्होंने मसाई में कोडिंग के अलावा अन्य नये विषयों पर भी ज्ञान हासिल किया। मसाई के कोडिंग प्रशिक्षकों ने अभिजीत को मुश्किल सिद्धांतों को समझने में मदद की। इसके अलावा उन्होंने खुद से डाटा स्ट्रक्चर्स एंड एल्गोरिथम्स में विशेषज्ञ पाने के लिए कड़ी मेहनत की। अपनी कुशलता से अभिजीत ने मसाई का विशेष डीसा निंजा प्रमाण पत्र और विभिन्न अन्य प्रमाण पत्र प्राप्त किये। यह सभी प्रमाण पत्र अभिजीत के बनावट इस प्रकार से की गई है कि अभिजीत जैसे लोग भी बड़े आसानी से कोडिंग सीख सकते हैं। यह बदलने और नई चीज़ सीखने के लिए तैयार थे। अभिजीत के इन्हीं गुणों के बदौलत उन्हें एक सफल करियर प्राप्त हुआ। अभिजीत ने कम्युनिकेशन जैसे सॉफ्टवेयर सीखे यह स्किल उन्हें मसाई के प्लेसमेंट के दौरान एक इंटरव्यू में बहुत काम काम आए। सीपीटी शिक्षकों ने अभिजीत को यह स्किल सीखने में मदद की और इससे उन्हें अपनी वर्तमान नौकरी में सफलता भी मिली है। अभिजीत की कहानी दिखती है कि लोग अपने लक्षण को प्राप्त कर सकते हैं। भले ही उनके पास बहुत अधिक अनुभव न हो। उन्हें बस सीखने और अनुकूलन करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मसाई एक ऐसा स्कूल है जो छिपी प्रतिभा वाले लोगों को टेक्निकल क्षेत्र में सफल होने में मदद करता है। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग सीख सकते हैं ,और अपना जीवन बदल सकते हैं। यह कहानी उन सभी लोगों के लिए आशा और प्रेरणाय का स्रोत है। जो सफल होना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हर किसी में अपने सपनों को प्राप्त करने की क्षमता होती है, चाहे वह कहीं से भी आए हो।
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