फर्जी कागजात पर कर्ज दिलाने वाले पांच आरोपी भेजे गए जेल
महिलाओं को लोन दिलाने वाले जालसाजों से बरामद सामान
मनीष ठकुराई, क्राइम रिपोर्टर : कुशीनगर। पडरौना। भोली-भाली महिलाओं को समूह में लोन दिलाकर 60 लाख से अधिक रुपये हड़पने वाले दंपती समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को जेल भिजवा दिया। इनमें आरोहण बैंक के दो कर्मचारी और एक सीएससी का संचालक शामिल है। पडरौना निवासी सीएससी (ग्राहक सेवा केंद्र) संचालक दीपक केशरी केवाईसी कर वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि से कृष्णा पोर्टल से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मुख्य आरोपी को मुहैया करता था। इनकी पुलिस काफी समय से तलाश कर रही थी।
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विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दुदही नगर समेत आसपास के गांवों की 32 महिलाओं को दंपती ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अलग-अलग माइक्रो फाइनेंस कंपनी के वर्करों से मिलकर करीब 60 लाख से अधिक का कर्ज दिलाया है। कम समय में अधिक रुपये का झांसा देकर दंपती रकम लेकर फरार हो गया। समूह के एजेंट जब वसूली करने पहुंचे तो महिलाओं को इसकी जानकारी हुई। मामला पुलिस तक पहुंचा। एसपी के आदेश पर विशुनपुरा थाने में दंपती के खिलाफ करीब एक माह पूर्व केस दर्ज किया गया।
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि विशुनपुरा थाने की पुलिस व साइबर थाने की संयुक्त टीम ने गगलवा नहर पुल के पास से फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर समूह से लाखों रुपयों के लोन का फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग के मुख्य आरोपी अशोक कुमार मद्धेशिया, उसकी पत्नी गुड्डी देवी निवासी दुदही थाना विशुनपुरा, आरोहण बैंक के कर्मी मेहताब आलम निवासी सरया थाना गढ़वाल जनपद बलिया, कर्मी राकेश कुमार निवासी दुर्गापुर दोडीहवां थाना बृजमनगंज महराजगंज व दीपक केशरी निवासी साहबगंज उत्तरी कोतवाली पडरौना, को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से 60 हजार नकद, दो लैपटॉप, 11 अलग-अलग कूटरचित मुहरें, पांच कूटरचित दस्तावेज, पांच मोबाइल फोन, अलग-अलग कंपनियों के 10 एटीएम कार्ड, मूल 49 आधार कार्ड, 189 आधार कार्ड की फोटो कॉपी, अलग-अलग 15 बैंकों के पासबुक, दो चेक, 100 मूल निर्वाचन कार्ड व 54 निर्वाचन कार्ड की फोटो कॉपी, 81 व्यक्तियों के कलर फोटो व आधार कार्ड, एक प्रिंटर, वायरलेस कीबोर्ड, एक लक्जरी कार व दो बाइकें बरामद की। पुलिस की पूछताछ में जालसाजों ने फर्जीवाड़ा कर रकम हड़पने की कहानी बताई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
खुद कर्ज से उबरने के लिए 32 महिलाओं को बना दिया कर्जदार
-समूह की महिलाओं को लोन दिलाकर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी अशोक मद्धेशिया ने साल 2021-22 में अपनी पत्नी के साथ बड़े पैमाने पर गल्ले का कारोबार शुरू किया। उसमें भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन पर काफी कर्ज हो गया। कर्ज से उबरने के लिए दोनों ने दुदही कस्बे व आसपास के गांवों की 32 महिलाओं को अपने झांसे में लेकर समूह बना दिया और उन्हें माइक्रो बैंकर्स के जरिये आरोहण बैंक, एसकेएस बैंक (भारत), एस वंदना, मिसलैंड, सेव बैंक, सुकन्या बैंक, आशीर्वाद बैंक, आरबीएल बैंक, उत्कर्ष बैंक, मुथुट माइक्रोफिन, क्रेडिट एक्सिस ग्रामीण लिमिटेड, सत्या, सेव माइक्रो फाइनेंस, स्कंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, स्टेन क्रेडिटकेयर नेटवर्क लिमिटेड आदि से लोन दिलाया और लोन भरने का विश्वास दिलाकर उनसे 60 लाख से अधिक रुपये हड़प लिए। इस रकम से अशोक ने कारोबार में हुए घाटे की भरपाई की। अशोक के फोन पे से 24 लाख रुपये की धोखाधड़ी का साक्ष्य पुलिस के हाथ लगा है। अन्य आरोपियों की संलिप्तता की पुलिस जांच कर रही है।
एप से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मुहैया कराता था दीपक
जालसाजों के गैंग में शामिल दीपक केशरी पडरौना के रामकोला रोड पर सीएससी चलाता है। समूह बनाकर महिलाओं के नाम से लोन दिलाने वाले दंपति को दीपक ही कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मुहैया कराता था। वह कृष्णा पोर्टल एप का सहारा लेकर वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि का केवाईसी कर कूटरचित दस्तावेज बनाता था। उसके एवज में दीपक को अच्छी-खासी रकम भी मिलती थी।
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