तमकुही राज में राज परिवार के द्वारा दशहरा मेला के अवसर पर दहन किया जाएगा महा पंडित रावण का पुतला

रामलीला मैदान में रामनवमी के शुभ अवसर पर नीलकंठ पक्षी( धोबिन चिड़िया) आकाश में उडाकर किया जाता है रावण दहन

कृष्णा यादव, तमकुहीराज/ कुशीनगर। असत्य पर सत्य और अधर्म पर जीत का पर्व विजयदशमी दशहरा तमकुहीराज में परंपरागत तरीके से मनाया जाता है। तमकुही स्टेट के द्वारा रावण का पुतला बड़े ही साज बाज सांस्कृतिक आयोजन के बीच एक भव्य जुलूस के रूप में पूरे बाजार मे पथ भ्रमण पर निकाला जाता है तथा रामलीला मैदान में रामनवमी के शुभ अवसर पर नीलकंठ पक्षी( धोबिन चिड़िया) आकाश में उडाकर बड़े उत्साह से लाखों की भीड़ के बीच रावण के पुतले में आग लगाकर महा पंडित रावण का पुतला दहन किया जाता है।

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12 अक्टूबर 2024 को परंपरागत तरीके से तमकुही राजा के वंशज महेश्वर प्रताप शाही (वर्तमान राजा) के द्वारा स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम को संपन्न करते हुए दशहरा मेला का शुभारंभ किया जाएगा रामलीला मैदान में सुरक्षा के दृष्टि से भारी पुलिस बल की व्यवस्था रहती है दूर दराज से ग्रामीण महिलाएं बच्चे पुरुष इस भव्य रावण की झांकी और जुलूस को देखने के लिए आते हैं । यह उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा तथा दशहरा मेला का आयोजन होगा।

दशहरे का महत्व त्रेता युग में आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को ही भगवान राम ने रावण को पराजित किया था रावण को अधर्म का प्रतीक माना जाता है इसलिए दशहरे के दिन रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है।

हिंदू धर्म में दशहरा के पर्व का विशेष महत्व है दशमी तिथि को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था इसलिए इसे विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

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