गोरखपुर में जल्द शुरू होगा सीबीजी का कमर्शियल उत्पादन

मण्डलायुक्त ने जिलाधिकारी सहित एथनॉल प्लांट का निरीक्षण कर प्लांट में कार्यों की समीक्षा क़र प्लांट को सुचारू रूप से चलाने के दिए निर्देश

दिनेश चंद्र मिश्र,मंडल प्रभारी गोरखपुर जोन : गोरखपुर। उत्तर प्रदेश का गोरखपुर  जल्द ही देश के बायो फ्यूल उत्पादन करने वाले जिलों की रैंकिंग में शामिल हो जाएगा जिसके लिए गोरखपुर स्थित धुरियापार के बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स में कम्प्रेस्ड बायो गैस ;सीबीजीद्ध के कमर्शियल उत्पादन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका औपचारिक उद्घाटन होगा।

यह भी पढ़ें :ब्राह्मण कभी जातिवादी नहीं रहा – पंडित पीतांबर शर्मा

गोरखपुर के मण्डलायुक्त अनिल ढीगरा ने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने आज गुरूवार को एथनॉल प्लांट का निरीक्षण कर प्लांट में कार्यों की समीक्षा किया तथा प्लांट को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया गया जिसके बाद यहां बनने वाले जैविक खाद व कंप्रेस्ड बायो गैस की बिक्री शुरू होगी।

बता दें कि इंडियल ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित एथनॉल प्लांट 165 करोड़ की लागत से निर्मित हुआ है। जिसमे जैविक खाद व कंप्रेस्ड बायो गैस ;सीबीजीद्ध  बनाया जायेगा। जिसको बनाने के लिए पराली का इस्तेमाल किया जायेगा। यह पराली किसान एफपीओ को बेचेंगे जिसके बाद वेंडर इसे प्लांट में पहुंचाएंगे और इसके बाद गैस और खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। गोरखपुरए महाराजगंजए कुशीनगरए देवरियाए सहित आसपास के अन्य जनपदों से पराली की खरीद की जा रही है। पराली का इस प्लांट में उपयोग होने से किसान इसको जलाने से बचेंगे जिससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा।

इस प्लांट से 130 लोगों को प्रत्यक्ष और 3000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप रोजगार मिलेगा। प्लान्ट की क्षमता 2000 टन प्रतिदिन की है। तथा गैस बनाने के लिये निर्मित टैक की क्षमता 600 टन की है ।

गोरखपुर की धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल के 50 एकड़ परिसर में बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराने की जिम्मेदारी इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन लिमिटेड के पास है। इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 18 सितंबर 2019 को किया था। इस कॉम्प्लेक्स में पहले चरण में सीबीजी और दूसरे चरण में एथेनाल का उत्पादन होना है। पहले चरण में सीबीजी प्लांट तैयार हो गया है जबकि दूसरे चरण में 900 करोड़ रुपये से टूजी ;सेकेंड जेनरेशनद्ध एथेनॉल प्लांट का निर्माण होगा। 169 करोड़ रुपये की लागत वाली सीबीजी प्लांट में प्रतिदिन 230 टन कचरे से 28 टन बाॅयो गैस बनाई जाएगी।

सीबीजी प्लांट का ट्रायल देखने पहुंचे कमिश्नर व डीएम को इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने बताया कि कम्प्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन के साथ ही यहां प्रतिदिन 150 कुंतल बायो खाद भी तैयार होगी। इस खाद को किसान प्लांट से सीधे खरीद सकेंगे। बायो खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन पराली व गोबर की आवश्यकता को देखते हुए अभी से इंतजाम किया जा रहा है ताकि प्लांट का संचालन निर्बाध हो सके।

बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स से किसानों को सर्वाधिक फायदा होगा। इसमें कच्चे माल के रूप में अब तक खेतों में जला दी जाने वाली परालीए अन्य अपशिष्ट और गोबर का प्रयोग होगा। प्लांट की ओर से इन चीजों की खरीद की जाएगीए जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके साथ ही उत्पादन से वितरण तक विभिन्न प्रकार के रोजगार भी सृजित होंगे।

यह भी पढ़ें :ब्राह्मण कभी जातिवादी नहीं रहा – पंडित पीतांबर शर्मा