गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी को आठ साल की सश्रम सजा
न्यायालय ने सश्रम कारावास के साथ ₹50,000/-अर्थदंड की सजा भी सुनाई
रामकुमार सिंह,जिला सह प्रभारी :कुशीनगर। करीब चार साल पहले खड्डा में हुई गैर इरादतन हत्या के एक मामले में न्यायालय ने बुधवार को सजा सुना दी। न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए मृतक के एक पुत्र को आठ साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
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अभियोजन पक्ष की ओर से इस मुकदमे की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता उपेंद्र कुमार पाठक ने बताया कि इस मुकदमे की वादी रूबी देवी थीं। उन्होंने 22 जून को खड्डा थाने में तहरीर दी थी कि उनके ससुर रामअवध वर्मा (70) के नाम कुल 25 कट्ठा जमीन है। ससुर उनके पति मेवालाल के साथ रहते थे, जबकि उनके तीन जेठ बांकेलाल, सुभाष और सुरुज अलग-अलग रहते हैं।
उनके भसुर सुभाष अपनी बेटी की शादी में कर्ज लिए थे। इसके बदले अपने हिस्से की तीन कट्ठा जमीन रेहन रख दिए। उनके ससुर के हिस्से की जमीन जबरदस्ती जोत लिए और फसल बोए थे। जून में ही उनके ससुर ने वह जमीन जोतवा ली, इससे उनके जेठ सुभाष नाराज होकर 21 जून की शाम 6:30 बजे जब ससुर रामअवध घर के बाहर बैठे थे, सुभाष ने उनसे झगड़ा कर लिया और लकड़ी का पीढ़ा उठाकर सिर पर मार दिया। एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी उनकी मौत हो गई। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया था।
इस मुकदमे की सुनवाई बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर-3 सुनील कुमार यादव के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुभाष निवासी ग्राम विशुनपुरा बुजुर्ग थाना खड्डा को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया और 8 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई।
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