खनन अधिकारी, तहसील प्रशासन और पुलिस की मेहरबानी से चल रहा है अबैध बालू का खेल,देखें VDO
अबैध खनन को रोकने के लिए कटिबद्ध तेज तर्रार जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा खुद मौके की जांच करा लिया जाए तो इन साहब लोगो के कारनामे सामने होंगे
ओमप्रकाश भास्कर (विशेष क्राइम संवाददता) :कुशीनगर। जनपद कुशीनगर से पडोसी राज्य के पश्चिमी चंपारण (बिहार) जिला बगहा के मधुबनी प्रखंड से बालू की खनन बन्धे से महज़ 100 -300 मीटर दूरी से किया जाता है। जिसमें सैंकडों की संख्या में यूपी की गाड़ियां बिहार जाती है। प्रतिदिन बड़ा-बड़ा ढाला से ओवरलोड जान जोखिम में डालकर ड्राइवर किसी तरह से यूपी के जटहा थाने के पीछे से लोडिंग ट्रक होकर गुजरते रहते हैं।
यह भी पढ़े :डॉ0 भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को असमाजिक तत्वों ने किया क्षतिग्रस्त
यह विडियो बिहार के मधुबनी का हैं,आप स्पष्ट देख़ सकते हैं 👇
शाम को 4:00 से 5:00 से गाड़ियों की लाइन की कतार लग जाती है। जिससे यात्रियों को आने-जाने में काफी असुविधा होती है। जब रात होती है तो कम से कम 4से 6 ट्रक बालू की गाड़ी लगी रहती है। बालू लदी ट्रक बिहार से यूपी की तरफ निकलती है,जो बालू माफियाओं द्वारा मनचाही दामों में बेचकर बालू का कारोबार किया जाता है।
दूसरी कड़ी तमकुहीराज तहसील के जवही दयाल (चैन पट्टी ) के सामने कथित रूप से बिहार के बैजुआ में हो रहे खनन की है।
यह तस्वीर तमकुहीराज तहसील के जवही दयाल (चैन पट्टी) के सामने कथित रूप से बिहार के बैजुआ में हो रहे खनन की है जो एपी बंधे से बमुश्किल से कुछ दूरी पर हो रही है। खनन का कार्य हो तो बिहार में रहा है लेकिन अधिकारियों की सेटिंग से अबैध खनन का समूचा बालू यूपी के रास्ते से होकर गुजरता है जिसकी जांच कोई भी कभी भी करवा सकता है।प्रतिदिन दर्जन भर से ऊपर ट्रकों में ओवरलोड बालू एपी तटबंध से होकर सेवरही और तमकुहीराज होते हुए अपने गंतब्य की ओर गुजरता है लेकिन चुकी सभी लोग मैनेज है इसलिए इस अबैध धंधे पर किसी की नजर नही पड़ती है।
खनन अधिकारी ,तहसील और पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा चलता है, यह बात किसी से छिपी नही है।बालू के इस अबैध कारोबार में जिम्मेदार लोग यह कहकर अपने आपको सेफ कर ले रहे है कि खनन बिहार में हो रहा है लेकिन अबैध खनन को रोकने के लिए कटिबद्ध तेज तर्रार जिलाधिकारी द्वारा अगर खुद मौके की जांच करा लिया जाए तो इन साहब लोगो के कारनामे सामने होंगे कि अबैध खनन का यह बालू अबैध तरीके से किस रास्ते से होकर गुजरता है। 40 टन से 50 टन की ओवरलोड ट्रके एपी तटबंध से होकर गुजरती है। जो बंधे को पूरी तरह से जर्जर करके छोड़ दी है। लेकिन यहां के साहब लोगों को मैनेज करके यह खेल चलता है इसलिए साहब लोग चुप्पी साधे बैठे है। यह अलग बात है कि वह लोग चुप रहने के लिए ठीक- ठाक पैकेज लेते है।
लोगों के बीच हो रहे चर्चाओं को माने तो तहसील के एक चर्चित कानूनगो ने तहसील प्रशासन को मैनेज करने का जिम्मा लिया है और अधिकारी के नाम पर ठीक -ठाक वसूली भी उनके द्वारा किया गया है। तब जाकर बेरोक -टोक यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। अधिकारी को कानूनगो का यह कारनामा पता है कि नही यह तो वही जानते होंगे। लेकिन जो चर्चा है उसके मुताबिक बिना जिम्मेदार लोगों के सहमति से यह धंधा संचालित होने से रहा। जिलाधिकारी रमेश रंजन अगर इस प्रकरण की जांच करा लें तो असलियत सामने आ जायेगी कि बंधे से नजदीक मशीन लगाकर अबैध खनन कराया जा रहा है। जो सीधे तौर पर बंधे पर खतरा उत्पन्न करने के लिए काफी है। जबकि मशीन लगाकर वह भी बंधे के समीप खनन कराना बिहार में भी प्रतिबंधित है। इसके अलावा बिना रॉयल्टी और ट्रांजिट परमिट के ट्रालियों और ट्रकों से यूपी के रास्ते अबैध बालू ले जाया जा रहा है और सबसे खतरनाक पहलू यह है कि ओवरलोड ट्रक जब बंधे से होकर गुजर रही है तो बंधे की सड़क जर्जर होते जा रही है जबकि इसी रास्ते से फ्लड फाइटिंग के लिए बोल्डर और अन्य सामग्री भी जाना होता है।
खनन अधिकारी,तहसील प्रशासन और के मूक सहमति से जोर शोर से चल रहे इस अवैध धंधे पर जिलाधिकारी कुशीनगर की नजर पड़ गयी तो अबैध धंधेबाजों और संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है,क्योंकि जिलाधिकारी इस मामले में बहुत सख्त है।
यह भी पढ़े :डॉ0 भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को असमाजिक तत्वों ने किया क्षतिग्रस्त