जरूरी कैपिटल एक्सपेंडिचर में कोई कटौती नहीं की गई- वित्त मंत्री।
केंद्र की योजनाओं के साथ ही वित्त आयोग का पैसा भी शामिल है। यह पिछले साल की बजट में आवंटित राशि से अधिक है। उन्होंने पुराने आंकड़ों का जिक्र कर कहा है कि इसमें भी लगातार वृद्धि हुई है। पिछले 5-6 साल से हमने एक प्रक्रिया सेट की है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
वित्त मंत्री ने कृषि से लेकर ग्रामीण और शिक्षा के स्वास्थ्य के लिए आवंटन के आंकड़े गिनाते हुए कहा है कि हमने किसी भी जरूरी कैपिटल एक्सपेंडिचर में कोई कमी नहीं की है।
25.01 लाख करोड़ रुपए सभी योजनाओं के लिए राज्यों को दिए जाने हैं। इनमें केंद्र की योजनाओं के साथ वित्त आयोग का पैसा भी शामिल है। यह पिछले साल के बजट में आवंटित राशि से अधिक है।
उन्होंने पुराने आंकड़ों का जिक्र कर कहा है कि इसमें भी लगातार वृद्धि हुई है। पिछले 5-6 साल से हमने एक प्रक्रिया सेट की है। उन्होंने 2008 और 2009 की आर्थिक मंदी और कॉविड काल का जिक्र कर कहा है कि हम अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक लेकर आए हैं।
वित्तमंत्री ने राज्यों को 50 साल के लिए इंटरेस्ट फ्री लोन दिए जाने जैसे कदम गिनाते हुए कहा है कि हम उनको सपोर्ट करने के लिए पैसे दे रहे हैं।
सिंगल नोडल एजेंसी मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके तहत टैक्स पेयर्स का पैसा सीधे डिसबर्स किया जाता है। राज्यों के स्तर पर कदम उठाने जाने की जरूरत है।
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