यति नरसिंहानंद ने मौलानाओं को दी इस्लाम पर शास्त्रार्थ की चुनौती, मेरे बयान में कुछ गलत हो तो कानूनी कार्यवाही करें।
मुस्लिमों और पुलिस से बताया जान को खतरा, रविवार को डासना देवी मंदिर में प्रेस वार्ता में यदि नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि उन्होंने 29 सितंबर को हिंदी भवन में हुए कार्यक्रम में कुछ भी गलत नहीं कहा था।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी ने इस्लाम पर मौलानाओं को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है। उनके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका के संबंध में यति का कहना है कि एनसीआर के 100 संत कोर्ट में शपथ पत्र देखकर मांग करेंगे कि यदि नरसिंहानंद के बयान में कुछ गलत है तो उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए।
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मुसलमानों और पुलिस से बताया जान को खतरा! रविवार को डासना देवी मंदिर में प्रेस वार्ता में यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि उन्होंने 29 सितंबर को हिंदी भवन में हुए कार्यक्रम में कुछ भी गलत नहीं कहा था। इसके बाद भी उनके खिलाफ कार्यवाही की गई।
उन्होंने इस्लाम पर अपने विचारों को लेकर किसी भी मौलाना से शास्त्रार्थ करने को तैयार है। यति ने मुस्लिमों और पुलिस से अपनी जान को खतरा बताया है। उनकी हत्या की साज़िश रची गई है। बड़ी फंडिंग भी इस काम के लिए हुई है।
पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें अगले हिरासत में गाजियाबाद पुलिस ने 4 अक्टूबर की रात से 29 अक्टूबर तक अवैध हिरासत में रखा।
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उसके लिए कोई कानूनी कार्यवाही नहीं चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि उन्हें शास्त्रार्थ की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 17 नवंबर से 22 तक धर्म संसद का आयोजन गाजियाबाद हरिद्वार में किया जाएगा।
यदि नरसिंहानंद को 4 अक्टूबर को किया गया था, नजरबंद। उल्लेखनीय है कि डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी को अब नजरबंद के पहले से मुक्ति मिल गई है। पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा देवी मंदिर और पुलिस पर पथरा के बाद 4 अक्टूबर को यति नरसिंहानंद को नजर बंद किया गया था। बुधवार को वह डासना स्थित देवी मंदिर पहुंचे थे। अपने बयान में यति ने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए मिलने का समय मांगा है।