कलेक्ट्रेट सभागार में गेहूँ खरीद कार्यशाला का आयोजन

क्रय केंद्रों पर बैनर, पेयजल, छाया, 02 इलेक्ट्रॉनिक कांटा, नमी मापक यंत्र, डस्टर, एनालिसिस किट, ई-पॉप मशीन बोरे की उपलब्धता सुनिश्चित करें -डीएम महेंद्र बहादुर सिंह

आयुष पाण्डेय,लखीमपुर खीरी। रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गेहूँ खरीद कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें खाद्य विभाग से जुड़े हुए समस्त अधिकारियों कर्मचारियों व केंद्र प्रभारियों ने भाग लिया।

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डीएम ने गेहूं खरीद के संबंध में सभी केंद्र प्रभारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। जिसमें प्रमुख रूप से बताया गया कि जनपद में गेहूं खरीद का लक्ष्य शासन से 188000 एमटी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 की दर से किसानों के खातों में भुगतान करने तथा छनाई, उतराई, सफाई और पल्लेदारी का खर्च 20 रुपया प्रति कुंतल शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

डीएम ने क्रय एजेंसियों को निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों पर बैनर, पेयजल, छाया, 02 इलेक्ट्रॉनिक कांटा, नमी मापक यंत्र, डस्टर, एनालिसिस किट, ई-पॉप मशीन बोरे की उपलब्धता सुनिश्चित करें। खीरी जनपद में गेहूं की खरीद के लिए 156 क्रय केंद्र खोले गए हैं, और सभी क्रय केंद्र एक मार्च से ही क्रियाशील कर दिए गए हैं।

किसानों से खरीदे गए गेहूं के बदले में 48 घंटे के भीतर ही उनके बैंक खातों में भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा 100 कुंतल तक गेहूं की बिक्री करने वाले किसानों को सत्यापन से भी मुक्त रखा गया है और छोटे तथा मझोले किसानों को गेहूं की खरीद में वरीयता देने का भी निर्णय लिया गया है। बटाईदार किसानों से भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जाएगी।

डीएम ने कहा कि अधिक से अधिक किसानों का पंजीयन करने के लिए लेखपाल और ग्राम सचिवों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। वही सभी केंद्र प्रभारी ग्राम प्रधानों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रतिदिन 20 किसान प्रति केंद्र का पंजीयन कराने के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करें। एडीएम संजय कुमार सिंह ने केंद्र प्रभारियों को किसानों से संपर्क कर उनका पंजीकरण कराने और उन्हें समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा।

बटाईदार से भी गेहूँ खरीद, डिप्टी आरएमओ ने बताई पूरी प्रक्रिया

डिप्टी आरएमओ संतोष कुमार पटेल ने बताया कि बटाईदार कृषक द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेहूँ विक्रय किया जा सकेगा। बटाईदार कृषक व मूल कृषक/भूस्वामी के मध्य लिखित सहमति जिसमें कितनी भूमि पर बटाईदारी है का उल्लेख हो तथा मूल कृषक के भूलेख तथा उसके आधार लिंक्ड मोबाइल पर ओटीपी प्रेषित कर पंजीकरण कराया जायेगा।

मूल स्वामी के दूरभाष नम्बर पर एसएमएस के जरिए सूचित किया जायेगा कि उसकी जमीन का पंजीकरण बटाईदार श्रेणी में किया गया है और वह अपना आधार नम्बर दर्ज कर बटाईदार द्वारा कराए पंजीकरण प्रपत्र देख सकता है।

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