विश्व हिंदू परिषद् के कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के विवादित बोल।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक मंच से न्याय मूर्ति के बयान का समर्थन किया है। जो उनके पद और गोपनीयता के लिए गए शपथ के विपरीत है। यह राष्ट्र की अखंडता और बंधुता के लिए खतरा पैदा करने वाला कृत्य है। अधिवक्ता सीमा श्रीवास्तव की ओर से दाखिल याचिका प्रसिद्ध कालीन छुट्टियों के बाद सुनवाई होने की संभावना है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के विवादित बोल का समर्थन करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाख़िल की गई है।
जानी-मानी सामाजिक संस्था पीयूसीएल की ओर से दाख़िल याचिका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निलंबित करने की मांग की गई है।
याचिका में दलील दी गई है कि न्यायमूर्ति शेखर यादव ने विहिप के कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ बयान दिया। यह भी कहा है कि देश बहुसंख्यक की मर्जी से चलेगा। उनके इस संवैधानिक बयान का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट आंतरिक जांच की कार्यवाही कर रहा है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक मंच से न्यायमूर्ति का बयान का समर्थन किया। जो उनके पद और गोपनीयता की ली गई शपथ के विपरीत है।
यह राष्ट्र के अखंडता और बंधुता के लिए ख़तरा पैदा करने वाला कृत्य है। अधिवक्ता सीमा श्रीवास्तव की ओर से दाख़िल याचिका पर शीतकालीन छुट्टियों के बाद सुनवाई होने की संभावना है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन बहस करेंगे।
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