विधायकों की खरीद – फरोख्त मामले में ED पहुंची बिहार

अवैध धन उगाही मे इस केस से जुड़े राजद के दो नेताओं के विरुद्ध भी अवैध धन उगाही के साक्ष्य मिले।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार  नई दिल्ली। बिहार में विधायकों के खरीद -फरोख्त के आरोपी की जांच अब परिवर्तन निदेशालय ईडी करेगा। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इस कांड में प्रिवेशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट का मामला सामने आया है। जिसके बाद अब ईडी से जांच की अनुशंसा की गई है।

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सूत्रों के अनुसार अवैध धन उगाही में इस केस से जुड़े राजद के दो नेताओं के विरुद्ध भी अवैध धन उगाही के साक्ष्य मिले हैं। जिसके बाद ईडी से पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच करने का आग्रह किया गया है। यह मामला पिछले माह फरवरी में एनडीए सरकार के विश्वास मत के समय का है।

तब जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने कई राजद विधायकों को मंत्री पद और 10-10 करोड रुपए का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने का आरोप लगाते हुए पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंप थी।

सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में इस कांड में अवैध धन के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान से संबंधित साक्ष्य मिले है। इसमें धन का प्रलोभन देकर राज्य में चुनी हुई सरकार को अवस्थित करने के लिए विधायकों का अपहरण करने एवं अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रलोभन देने का भी प्रयास किया गया है।

प्रारंभिक अनुसंधान में जानकारी प्राप्त हो रही है  कि विभिन्न गैर कानूनी कार्य करने वाले लोग एवं समूह अवैध रूप से अर्जित की गई धनराशि का उपयोग गैर कानूनी कार्यों में कर रहे हैं। विधायकों के खरीद फरोंख्त मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार के अलावा इसमें झारखंड और नेपाल के लोगों एवं समूहो के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार राजद से जुड़े दो नेताओं के अलावा झारखंड और नेपाल के गैर कानूनी तरीके से धन उगाही अर्जित करने वाले लोग भी इस कार्य में सन लिप्त हैं। उनके द्वारा इस कांड में भारी मात्रा में गैर कानूनी धनराशि का गलत इस्तेमाल अपने स्वार्थ एवं आपराधिक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा था। चूंकि ईडी पीएमएलए मामलों की विशिष्ट एजेंसी है। इसलिए इसकी अनुशंसा की गई है।

जदयू विधायक सुधांशु कुमार ने पटना केी कोतवाली थाने में 11 फरवरी को इसकी प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। उन्होंने जदयू विधायक डॉक्टर संजीव और रजत से जुड़े इंजीनियर सुनील कुमार पर अपने सहयोगियों के माध्यम से विधायक बीमा भारती और दिलीप राय को डरा धमकाकर अपहरण करने की शिकायत भी दर्ज कराई थी। ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान करें। इस कांड की जांच 13 फरवरी को ईओयू को सौंपी गई थी।

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