उत्तराखंड से बड़ी खबर, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भावुक होकर दिया इस्तीफ़ा।

मुज़फ्फरनगर पहुंचकर प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। बजट सत्र के दौरान दिए उनके विवादित बयान को लेकर सूबे में भारी नाराज़गी की देखी जा रही थी। हर तरफ उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे थे। आखिरकार उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफा का ऐलान कर दिया।

मुकेश कुमार ( क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार देहरादून (उत्तराखंड )।

उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है। विवादास्पद बयानों में घिरे उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। बजट सत्र के दौरान दिया उनके विवादित बयान को लेकर सूबे में भारी नाराज़गी देखी जा रही थी। हर तरफ उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे थे। आख़िरकार मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

मुज़फ्फरनगर पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को किया था नमन…………

उत्तराखंड के संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। विवादास्पद बयानों में घिरे प्रेमचंद अग्रवाल की इस्तीफे की मांग हो रही थी। मुज़फ्फरनगर के शहीद स्मारक पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को नमन भी किया था।

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इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि वह कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। आख़िरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। वहीं प्रेमचंद अग्रवाल इस दौरान फूट-फूटकर रोएं।

मुख्यमंत्री धामी को सौंपा इस्तीफा, सरकारी गाड़ी भी छोड़ी……….

वही प्रेम कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान कर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाक़ात कर उन्हें इस्तीफा सौंपा। इसके साथ-ही सरकारी गाड़ी भी छोड़ी। जिसके बाद वह निजी वाहन पर वापस अपने आवास लौटे, मुख्यमंत्री धामी अब प्रेमचंद अग्रवाल का त्यागपत्र अग्रिम कार्यवाही के लिए राज्यपाल को अग्रसारित कर दिया है।

वह एक आंदोलनकारी रहे हैं। उन्हें दुख है कि आज उन्हें यह बात साबित करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वह बेहद ज्यादा दुखी हैं कि जिस तरह से इस मामले को तोल दिया गया, उसके बाद उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है – प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री।।।

दरअसल, बीतीं 21 फरवरी 2025 को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में विवादास्पद बयान दिया था। जिसे लेकर सदन के भीतर और बाहर जमकर बवाल हुआ था। जबकि 22 फरवरी को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री अग्रवाल से माफी मांगने की मांग को लेकर खूब तेवर दिखाए।

विवाद ने तूल पकड़ा तो प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद जताया, लेकिन विवाद नहीं थमा। प्रदेश भर में उनके ख़िलाफ़ माहौल बना और जगह-जगह प्रदर्शन हुए। इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मां गंगा के तट पर पहुंचकर माफ़ी भी मांगी थी। वहीं उनके बयान के विरोध में गैरसैंण में पहाड़ी स्वाभिमान रैली का भी आयोजन किया गया था।

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