उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस को दी 11 सीटें

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस को सीट देने की बात का खुलासा किया।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर इन चीफ)  TV9 भारत समाचार  लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश में काफी लंबे अरसे से चर्चा चल रही थी कि सामाजिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे। इस बात से आज अखिलेश यादव ने पर्दा हटा दिया है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस को सीट देने की बात का खुलासा किया है।

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इसके साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी तय कर दिया है कि यूपी में सपा इंडिया गठबंधन के साथ ही चुनाव लड़ेगी। आपको बता दें कि बसपा मुखिया मायावती पहले ही गठबंधन से किनारा कर चुकी है। शनिवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, कि कांग्रेस के साथ 11 मजबूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है।

यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। इंडिया की टीम और पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी। अखिलेश यादव के पोस्ट के बाद यह देखना होगा की यूपी में कांग्रेस के प्रत्याशी किन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। क्योंकि पिछली बार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी।

राहुल गांधी भी अमेठी से हार गए थे। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। जो कि सोनिया गांधी की सीट थी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जयराम रमेश ने कहा है कि यूपी में सीट शेयरिंग को लेकर अभी भी बातचीत चल रही है।

अखिलेश यादव ने जो ट्वीट किया है वह औपचारिक नहीं है। अशोक गहलोत और अखिलेश यादव की मीटिंग होने वाली है। उसके बाद ही यूपी में सीटें तय होंगी। जयराम रमेश ने कहा कि यूपी को लेकर अखिलेश जी की और अशोक गहलोत की बातचीत चल रही है। वह जल्द मिलेंगे।

जब बात पूरी हो जाएगी, उसके बाद ही हम कह सकते हैं कि क्या फार्मूला है। जयराम रमेश ने कहा है, कि यूपी कांग्रेस के नेताओं को अभी फैसले की जानकारी नहीं है। पार्टी नेताओं का कहना है,कि यूपी से हम अपनी बात बता चुके हैं। लेकिन यूपी में अभी किसी के पास सपा के 11 सीट के फार्मूले की जानकारी नहीं है।

आपको बता दें, कि पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच इंडिया गठबंधन का टूटना तय माना जा रहा था। लेकिन इस बीच अखिलेश यादव के इस पोस्ट से इंडिया गठबंधन को एक बार फिर से जान मिली है। एक तरफ जहां पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। तो वहीं पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन से दूरी बना ली है।

वहीं बिहार की बात करें तो यहां भी इंडिया गठबंधन संकट में नजर आ रहा है। ऐसे में उत्तर भारत के कई राज्यों में जहां इंडिया गठबंधन संकट में था। तो वहीं दिल्ली की गाड़ी का रास्ता कहीं जाने वाले उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन को संजीवनी देने का काम किया है।

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