उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक आदरणीय प्रशांत कुमार जी ने एक बहुत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

कुंभ मेला न केवल किसी विशेष समुदाय या वर्ग के लिए आयोजित किया जाता है बल्कि यह विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले लाखों लोगों की आस्था और विश्वास का भव्य संगम होता है। यह आयोजन लोगों को आपस में जोड़ता है। जहां कोई व्यक्तिगत निमंत्रण नहीं मिलता है। बल्कि हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा और विश्वास के कारण यहां खिंचा चला जाता है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार प्रयागराज।

कुंभ मेले में जारी सभी VIP पास रद्द करना एक महत्वपूर्ण कदम है। जो पुलिस व्यवस्था को सुधारो को चलाने में मदद करेगा। जो समाज में व्याप्त VIP संस्कृति को एक मजबूत चुनौती भी देगा। इससे स्पष्ट संदेश प्रकट होता है कि इस धर्म और आस्था के महायज्ञ में सभी श्रद्धालुओं को समान अधिकार और सम्मान मिलेगा। कोई भी व्यक्ति अपनी विशिष्टता की धौंस नहीं जमा सकेगा। यह निर्णय सचमुच समाज में समानता को निष्पक्षता के सिद्धांत को स्थापित करने की दिशा में एक प्रगतिशील पहल है।

अब तक हमने देखा है कि नेता ऊंचे ओहदे वाले उद्योगपति, महत्वपूर्ण पदों पर आसीन ब्यूरोक्रेट्स, प्रसिद्ध कथावाचक और मीडिया से जुड़े पत्रकार विशेष घाटों पर जाकर VIP स्नान का लाभ उठाते रहे हैं। ऐस स्थिति में उनकी विशेष पहचान और सुविधाओं का साफ-साफ आभास होता है। लेकिन अब यह विचारणीय प्रश्न उठता है – क्या इन प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में वह साहस होगा केवल बिना विशेष सुविधाओं के, साधारण श्रद्धालुओं की तरह संगम की पवित्र और भीड़भाड़ वाली धारा में उतर कर स्नान करें?

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यह सवाल इस अर्थ में भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि समाज में समानता और धर्म के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा का यह अच्छा परीक्षण होगा। क्या वास्तव में धर्म के उस आदर्श को अपनाने में आत्मविश्वास महसूस करते हैं। जिसे वे अक्सर अपने प्रवचनों और वक्तव्यों में लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं?

कुंभ मेला न केवल किसी विशेष समुदाय और वर्ग के लिए आयोजित किया जाता है, बल्कि यह विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले लाखों लोगों की आस्था और विश्वास का भव्य संगम है। यह संगम लोगों को आपस में जोड़ता है। जहां कोई व्यक्तिगत निमंत्रण नहीं मिलता है। बल्कि हर व्यक्ति स्वयं अपनी श्रद्धा और विश्वास के कारण यहां खिंचा चला आता है। यहां का वातावरण भक्ति भाव से भरपूर होता है। जहां लोगों की आत्मा को शांति और उत्साह मिलता है। कुंभ मेला एक ऐसी पवित्र परंपरा है जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक विश्वास की गहराई को दर्शाता हैं।

आदरणीय डीजीपी साहब को हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि आपका यह महत्वपूर्ण निर्णय निश्चित रूप से कुंभ को उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप में बनाए रखने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होंगा। इस पहल से निश्चित ही कुंभमेला सुरक्षित और सुव्यवस्थित और परंपरागत आदर्शों के अनुरूप रहेगा।

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