UPI यूजर्स ध्यान दें, 15 फरवरी से यह नया नियम होंगा लागू, फटाफट कर लें चेक।
चार्जबैक आमतौर पर बेनिफिशियरी बैंक के द्वारा शुरू किया जाता है। इससे पहले की लाभार्थी बैंक यूपीआई द्वारा ट्रांजैक्शन को शुरू कर सकें। फिलहाल बेनिफिशियरी बैंकों को ( यूनिफाइड रियल टाइम क्लीयरिंग एंड सेटेलमेंट ) URCS में T+0 से आगे चार्जबैक बढ़ाने का अनुमति होती है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
यूपीआई यूजर्स के लिए जरूरी खबर आ गई है। नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई लेन-देन में चार्जबैक के ऑटो एक्सेप्टेंस और रिजेक्शन के लिए नियम जारी किए हैं। यह नियम 15 फरवरी 2025 से लागू होंगा।
आपको बता दें कि नया नियम ट्रांजैक्शन क्रेडिट कंफर्मेशन और रिटर्न पर आधारित है। अपडेट किए गए प्रोसेस को यूनिफाइड रियल टाइम क्लीयरिंग एंड सेटेलमेंट सिस्टम पर लागू किया गया है।
क्या होता है चार्जबैक ?……..
चार्जबैक आमतौर पर बेनिफिशियरी बैंक के द्वारा शुरू किया जाता है। इससे पहले की लाभार्थी बैंक यूपीआई द्वारा ट्रांजैक्शन को शुरू कर सकें। फिलहाल बेनिफिशियरी बैंकों को (यूनिफाइड रियल टाइम क्लीयरिंग एंड सेटेलमेंट) URCS में T+0 से आगे चारजबैक बढ़ाने की अनुमति होती है। इससे अक्सर लाभार्थी बैंकों के पास ट्रांजैक्शन प्रॉब्लम के चारजबैक में बदलने से पहले रिटर्न को भेजने और एक्टिव ग्रुप से प्रोसेस करने के लिए कम समय होता है।
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चारजबैक का होंगा ऑटो रिजेक्शन या एक्सेप्टेंस …
मौजूदा प्रोसेसे बैंकों को उसी दिन चार्जबैक करने की अनुमति देती है। लेकिन लाभार्थी बैंकों के पास ट्रांजैक्शन में परेशानी होने पर चारजबैक से पहले रिटर्न करने का पर्याप्त समय नहीं हो सकता है। इस वज़ह से ऐसे मामले सामने आएं हैं। जहां लाभार्थी बैंकों में अपनी स्थिति के वेरिफिकेशन के बिना रिटर्न किया है। जिसके कारण रिजेक्शन हुई क्योंकि चारजबैक पहले ही शुरू हो चुका था और आरबीआई द्वारा जुर्माना लगाए जाने के साथ ही इसे एक्सेप्टेंस के आधार पर बंद किया गया हैं।
इससे निपटने के लिए, एनपीसीआई ने चार्जबैक शुरू होने के बाद अगले सेटलमेंट साइकल में लाभार्थी बैंकों द्वारा उठाए गए टीसीसी और रिटर्न के आधार पर चार्ज बैक की ऑटो रिजेक्शन या एक्सेप्टेंस के लिए एक प्रोसेस लागू किया है।
इससे पहले NPCI ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि यूपीआई आईडी में केवल अल्फाबेट (अक्षरों ) न्यूमैरिक अंको का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कोई भी स्पेशल कैरेक्टर जैसे – #,$ आदि का इस्तेमाल यूपीआई आईडी में नहीं किया जा सकता, अगर कोई भी यूजर ऐसा करता है तो यूपीआई आईडी को कैंसिल कर दिया जाएगा।
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