यूपी में शिक्षा मित्रों की बल्ले-बल्ले, डबल होंगी सैलरी, सीएम योगी के फैसले में कैसे बदलेगी 8 लाख कर्मियों की जिंदगी।

राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों में तैनात संविदा कर्मियों और आउटसोर्स एजेंसियों के लिए कार्यरत कर्मियों और सैनिक वेतन वाले कर्मियों को हाल ही में तय किए गए न्यूनतम मज़दूरी की राशि के समान ही या मानदेय देने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। जहां से कुछ और संपर्कों को भी इसका लाभ दिए जाने की सोच के साथ उन्हें भी इस प्रस्ताव में जोड़ने के लिए निर्देश जारी किया गया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश )।

शिक्षा मित्रों समेत उत्तर प्रदेश के 8 लाख कर्मियों के लिए प्रदेश की यूपी सरकार की ओर से बड़ी सौगात है। दरअसल, कर्मी परिवार का भरण-पोषण ठीक से हो इस सोच के साथ ही सरकार ने बड़े शासनादेश जारी किए हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से शिक्षामित्रों और अनुदेशक को समेत प्रदेश के कहीं कर्मचारियों के लिए अच्छी ख़बर है। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के साथ यूपी के करीब आठ लाख कर्मियों के वेतन, और उनके मानदेय में अच्छी खासी बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया गया है कि न्यूनतम मज़दूरी की दर से या फिर उससे कम वेतन हासिल कर रहे संवर्गों के कर्मियों को एक जैसा वेतन 17,000 से 20,000 रुपए प्रतिमाह दिया जाएं। जिससे कि इस श्रेणी के कर्मी अपने परिवार का भरण- पोषण अच्छे से कर पाएं।

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अच्छी बात यह है कि वित्त विभाग से इसके लिए तैयार प्रस्ताव को मंजूर कर दिया गया है और कैबिनेट से इसके जल्द पास कराने की तैयारी भी है।

न्यूनतम मज़दूरी पर भुगतान कर सरकार का फैसला…..

राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों में तैनात संविदा कर्मियों और आउटसोर्सिंग एजेंसियों के लिए कार्य कर्मियों और दैनिक वेतन वाले कर्मियों को हाल ही में तय की गई न्यूनतम मज़दूरी की राशि के समान ही या मानदेय देने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा निर्णय लिया गया। इसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पास इस प्रताप को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। जहां से कुछ और संवर्गों को भी लाभ दिए जाने की सोच के साथ उन्हें भी प्रस्ताव में जोड़ने के लिए निर्देश जारी किया गया है। शिक्षामित्र और अनुदेशक को भी इसमें शामिल किया गया है। सरकार के अनुसार, मौजूदा समय में श्रम विभाग न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम के अंतर्गत कर्मियों को जो न्यूनतम मज़दूरी का भुगतान हो रहा है, व उपयुक्त नहीं ऐसे में इसे बढ़ाने की जरूरत है। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा इस तरह कदम उठाए ज रहे हैं।

लाखों कर्मियों का मानदेय अभी भी काफ़ी कम……

वर्तमान में शिक्षामित्रों के वेतन पर ध्यान दें तो ₹10,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। वहीं अनुदेशकों को ₹9000 रुपए प्रतिमाह मानदेय के रूप में दिया जा रहा है। 10,701 रुपए और अकुशल श्रमिक को, 11,772 रुपए प्रतिमाह अर्धकुशल को, 13,186 रुपए प्रतिमाह कुशल को मानदेय के रूप में दिया जा रहा है।

यूपी सरकार ने शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय वापसी के लिए साथ ही अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण की सुविधा देने का हाल ही में शासनादेश दिया। जिससे इन कर्मियों के लिए बड़े ही काम का शासनादेश रहा। अब मानदेय में बढ़ोतरी इन कर्मियों को बड़े लाभ करवा सकती है।

किन कर्मियों को होगा लाभ?

सरकार के लिए इस बड़े निर्णय से 8 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फ़ायदा हो सकेंगा। जिसमें कर्मियों की संख्या कुछ इस तरह से रहने वाली हैं।

आउटसोर्स के क़रीब 5 लाख, लगभग 20 लाख संविदाकर्मी, लगभग 3,000 दैनिक वेतन भोगी, लगभग 1,43,450।

शिक्षा मित्र लगभग 25,223 अनुदेशक शामिल हैं।

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