यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन को मलिहाबाद तहसील से भेजा नोटिस, राजभवन ने जताई कड़ी आपत्ति।
मलिहाबाद के तहसीलदार विकास सिंह के मुताबिक, यह नोटिस हाथ से तैयार किया गया है, इतना ही नहीं नोटिस की भाषा शैली ही अलग है। माना जा रहा है कि इसे किसी ने जान-बूझकर साज़िश के तहत राजभवन भेजा है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश )।
यूपी की राजधानी लखनऊ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ की मलिहाबाद तहसील से प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को नोटिस भेजा गया है। स्पीड पोस्ट से 2 दिन पहले राजभवन पहुंचे इस नोटिस को देख राज्यपाल ने कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की है। साथिया जिला प्रशासन को नोटिस भेजने वाले के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें – आम आदमी हो या प्रधानमंत्री, संविधान सभी के लिए एक है, अल्लू अर्जुन की गिरफ़्तारी पर बोले- सीएम रेवंत रेड्डी।
2 दिन पहले यानी 11 दिसंबर को मलिहाबाद तहसील से एक नोटिस स्पीड पोस्ट से राजभवन पहुंचा था। 12 दिसंबर को राजभवन ने इस नोटिस को ख़ारिज़ करते हुए तहसील प्रशासन को चेतावनी दी। कहा है कि यह शरारत दोबारा ना हो। राजभवन कार्यालय की ओर से धारा 361 के तहत कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं। राजभवन से नोटिस ख़ारिज़ होने के बाद तहसील भेजे गए पत्र को देख तहसील प्रशासन के होश उड़ गए।
मलिहाबाद के तहसीलदार विकास सिंह के मुताबिक, यह नोटिस हाथ से तैयार किया गया है। इतना ही नहीं नोटिस की भाषा शैली ही अलग है। जो माना जा रहा है कि इसे किसी ने जान-बूझकर साज़िश के तहत राजभवन भेजा है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही हैं।
तहसीलदार के मुताबिक, राजभवन भेजी गई नोटिस में मीरा पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़े केस का उल्लेख है। जो बेदखली का मामला है। इतना ही नहीं इस नोटिस में तहसीलदार कोर्ट के पेशकार गंगाराम का साइन है। फिलहाल इस नोटिस को तहसीलदार प्रशासन ने फर्जी करार देते हुए जांच के आदेश किए हैं। नोटिस में लिखी गई हैंडराइटिंग का सभी पेशकार से मिलान कराया जाएंगा।
यह भी पढ़ें – इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस, सिब्बल समेत 55 सांसदों ने किया हस्ताक्षर।