पाकिस्तान से दो हिंदू परिवार आए भारत, पुलिस ने किया नजरबंद, सुरक्षा एजेंसियां कर रहीं पूछताछ
एफआरआरओ को भेजी रिपोर्ट
चित्रकूट। पाकिस्तान से शुक्रवार सुबह भारत के चित्रकूट पहुंचे दो हिंदू परिवारों के 15 सदस्यों को चित्रकूट पुलिस ने एक घर में नजर बंद कर दिया है। घर के अंदर ही लोकल इंटेलिजेंस यूनिट एलआईयू पूछताछ कर रही है। यह परिवार पाकिस्तान के कराची से 45 दिन के वीजा पर भारत आया है जो जुलाई में खत्म हो गया है। इन हिंदू परिवारों ने महंगाई जुर्म और आर्थिक तंगी से परेशान होकर पाकिस्तान छोड़ने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शरण मांगी है। फिलहाल सभी शरणार्थियों को पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है एलआईयू पूछताछ कर रही है।
यह भी पढ़ें : फुफेरी बहन के प्यार में पागल युवक ने खुद को गोली मार कर दी जान
भारत पहुंचे दोनों हिंदू परिवारों ने पाकिस्तान में अपने ऊपर हो रहे अत्याचार व परेशानी के बारे में स्पेशल मीडिया में पोस्ट डाली थी। यह पोस्ट शिवरामपुर चौकी क्षेत्र के संग्रामपुर में रहने वाले कमलेश पटेल ने देखी तो वह दोनों परिवारों से दिल्ली में जाकर 3 दिन पहले मिले और मदद का भरोसा देकर लौट आए। शुक्रवार को दोनों परिवार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से चित्रकूट पहुंचे। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि 15 लोग पाकिस्तान से यहां आए हैं इनकी बोलचाल में अंतर है।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सीओ सिटी हर्ष पांडे परिक्रमा मार्ग और चौकी प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने सभी से पूछताछ की तो मामला स्पष्ट हुआ। परिवार बोला पाकिस्तान के हालात बद से बदतर हैं, पाकिस्तान के कराची थाना खैरापुर के कस्बा निवासी शरणार्थी परिवार के मुखिया राकेश कुमार के मुताबिक पाकिस्तान के हालात बद से बदतर हैं, महंगाई चरम पर है। हिंदुओं के साथ हर रोज अत्याचार किया जाता है, इसलिए हमने यहां शरण ली है। वीजा बनवा कर पाकिस्तान छोड़ा था।
सभी ने बताया कि वह कराची से लाहौर पहुंचे और वहां से बस से बाघा बॉर्डर पहुंचे और फिर अमृतसर होते हुए दिल्ली आए। दिल्ली में उनकी मुलाकात कमलेश पटेल से हुई उनके परिवार में 4 बच्चियों समेत 7 महिलाएं हैं और 8 पुरुष है राकेश ने बताया कि उनके परिवार के साथ लोग पहले आए थे कुछ दिन के बाद 8 लोग आए जो लोग पहले आए थे उनका वीजा खत्म हो गया है दूतावास में 1 जुलाई को वीजा बढ़ाने का आवेदन किया है हमारी पूरी इंट्री भारतीय दूतावास में है हम गलत तरीके से नहीं रहना चाहते।
भारत सरकार से मांग है कि भारतीय नागरिकता दी जाए उनके अलावा और भी परिवार आए हैं जो दिल्ली के माईस इलाके में रुके हैं वह भी यहां आने के पहले वहीं पर थे। एफआरआरओ को भेजी गई रिपोर्ट में एसएसपी चक मणि त्रिपाठी ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट बनाकर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय फरो को भेजी गई है वहां के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इन परिवारों को एक कमरे में सुरक्षा के बीच रखा गया है परिवार को शरण देने वाले कमलेश से भी पूछताछ की जा रही है।
एसपी बोली दो ग्रुप में आए हैं भारत
पाकिस्तानी नागरिकों के चित्रकूट में शरण लेने के मामले को पुलिस अधीक्षक वृन्दा शुक्ला ने बताया कि दिल्ली से ट्रेन के माध्यम से चित्रकूट आये पाकिस्तानी नागरिक पूछताछ में अपने आप को पाकिस्तान के हिन्दू परिवार बता रहे हैं। एसपी ने कहा दो परिवार के 15 लोग आए हैं। इनमें पहला ग्रुप पिछले साल के अक्टूबर में भारत आया था जबकि दूसरा ग्रुप जून महीने में आया है। एसपी ने बताया कि एक ग्रुप के सदस्यों का वीजा खत्म है। पाकिस्तानी नागरिक जाँच में ओरिजनल डॉक्यूमेंट न दिखाने पर FRRO लखनऊ को सूचित किया गया है। जांच तक पाकिस्तानी नागरिकों को पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया है।
पाकिस्तान से भारत आए यह लोग
राकेश कुमार 32 वर्ष, संतोष कुमार 22 वर्ष, आशा कुमारी 19 वर्ष पुत्री मिस्त्री, राजकुमारी 26 पत्नी राकेश कुमार, राखी 12 वर्ष पुत्री राकेश कुमार, रिया कुमारी 10 वर्ष पुत्री राकेश कुमार, पूनम कुमारी 7 वर्ष पुत्री राकेश कुमार, तरुण कृष्ण 3 वर्ष पुत्र राकेश कुमार, मंगलमल 42, दली 44 पत्नी मंगलमल, कविता कुमारी 24 पुत्री मंगलमल, संजय कुमार 22 पुत्र मंगल मल, सुनीता कुमार विश्वास पुत्री मंगलमल, संत कुमार 16 वर्ष पुत्र मगलमल, रवीना कुमारी 14 वर्ष पुत्री मंगलमल
यह भी पढ़ें : फुफेरी बहन के प्यार में पागल युवक ने खुद को गोली मार कर दी जान