रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने को मिल रहा व्यापक जन समर्थन
जय बजरंग सेनानियों की चित्रकूट एवं राजापुर में निकली जनमानस जागरण यात्रा
चित्रकूट। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने का बीड़ा उठाया है। एक माह पहले चित्रकूट के रामघाट में गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा के सामने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करने के बाद अब श्री कामदगिरि पीठम के संत मदनगोपाल दास जी महाराज के नेतृत्व में जय बजरंग सेना ने इस अभियान को गति देने के लिए जनमानस जागरण की यात्रा आरंभ कर दी है। रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग को व्यापक जन समर्थन मिल रहा है।
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रामघाट से सैकड़ो राम भक्तों और जय बजरंग सेना के सेनानियों ने भव्य यात्रा का आयोजन बुधवार से किया। रामघाट से चलकर यह शोभायात्रा चित्रकूट के प्रमुख मार्गो से होते हुए कामदगिरि प्रमुख द्वार पहुंची । रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए चित्रकूट के साधु संतों का समर्थन जुटाने के लिए संत समागम का आयोजन किया गया। चित्रकूट के लगभग दो सैकड़ा संत महंत और साधु संन्यासियों ने इस संत समागम में श्री रामचरितमानस ग्रंथ को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के प्रबल समर्थन में अपना मत व्यक्त किया।
भरत मंदिर के महंत दिव्यजीवन दास जी महाराज ने तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को विश्व का अनूठा ग्रंथ बताते हुए उसे मोदी सरकार द्वारा जल्द से जल्द राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किए जाने की मांग की। श्री कामदगिरि पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी महाराज ने श्री रामचरितमानस को भगवान राम का जीता जागता स्वरूप बताया। जैसे श्रीमद् भागवत भगवान कृष्ण का वांगमय स्वरूप है वैसे ही रामचरितमानस भगवान श्रीराम का वांगमय स्वरूप है ।
आज हमारे देश में जिस तरह से भगवान राम और रामचरितमानस को लेकर कुछ लोगों द्वारा अनर्गल प्रलाप किया जा रहा है वह बहुत ही निंदनीय है। सरकार राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही श्री रामचरितमानस को भी राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे। संत समागम के बाद श्री कामद गिरी पीठम से गाजे बाजे के साथ रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए साधु संतों व जय बजरंग सेना की सेनानियों का काफिला राजापुर के लिए प्रस्थान किया और राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जन्मस्थली पहुंचकर सैकडों की संख्या में जय बजरंग सेना के सेनानियों ने श्री रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए जन समर्थन जुटाने के लिए राजापुर की गलियों में शोभायात्रा निकालकर गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली के लोगों क्यों हस्ताक्षर महा अभियान मिलजुल कर उनके संकल्प को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
श्री रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के समर्थन में प्रारंभ हुआ हस्ताक्षर महाभियान में अभी तक लगभग 20 जिलों के 200 गांवों व कस्बों में जय बजरंग सेना के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर लोगों के हस्ताक्षर करवा चुके हैं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और उसके आसपास के जिलों से आगे बढ़कर अब यह अभियान व्यापकता को प्राप्त कर रहा है। जय बजरंग सेना के सेनानी हस्ताक्षर अभियान के तहत पूरे उत्तर भारत मे लोगों के घर घर पहुँच जनसमर्थन जुटाने में लग गए हैं।
जनमानस-जागरण यात्रा में नासिक महाराष्ट्र से पधारे संत सच्चिदानंद स्वामी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश से बड़ी संख्या में महिला सेनानी, जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय, राष्ट्रीय प्रभारी अर्चना उपाध्याय, कामदगिरि पीठम के अर्चन भाई, सुधाकर शुक्ला समेत अखण्ड हिंद फौज के जवान शामिल रहे।
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