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thinker and social reformer

कबीर जयंती पर गूंजा ‘मौकों कहां ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास…

कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे, बल्कि वे विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में समाज की बुराइयों को दूर करने के…