सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने वाली याचिका की ख़ारिज़।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव में पेपर बैलेट वोटिंग प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में इसके अलावा कई अन्य चुनाव सुधार किए जाने की मांग की गई थी। यह मामला न्याय मूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ के समक्ष आया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली (सुप्रीम कोर्ट ) । 

सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने वाली याचिका को ख़ारिज़ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि जब चंद्रबाबू नायडू वाईएस जगन मोहन रेड्डी हारते हैं तो वह कहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती है। तब वह जीतते हैं तो वह कुछ नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग के लिए बैलेट पेपर के इस्तेमाल की जनहित याचिका ख़ारिज़ कर दी हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ,” अगर आप जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जाती, जब आप हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ की जाती हैं।”

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव में‌ पेपर बैलेट वोटिंग प्रणाली को फिर से लागू करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में इसके अलावा कई अन्य चुनावी सुधार किए जाने की मांग की गई थी। यह मामला न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पीबी वराले की‌ पीठ के समक्ष आया।

सुनवाई के शुरू होते ही पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, डॉ. ए. के. पॉल ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस बात पर जोर दिया है कि अदालत के समक्ष उठाया गया मुद्दा  बहुत महत्वपूर्ण हैं।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर सवाल उठाया था। पीठ ने ज़वाब दिया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है, जब वे जीतते हैं, तब वह कुछ नहीं कहते, साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस परिदृश्य को कैसे देखते हैं?

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