स्मार्टफोन योजना पर भजन लाल सरकार ने लगाया ब्रेक, तीन नए जिलों पर भी संशय
गहलोत सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्मार्टफोन योजना शुरू की थी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। राजस्थान प्रदेश में सरकार बदलने के साथ पूर्ववर्ती सरकार की कई योजनाओं को अघोषित रूप से बंद कर दिया गया है। या फिर पूर्वर्ती राज्य सरकार की योजनाओं को फिर से शुरू किया गया है। यही नहीं जिन तीन नए जिलों की विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी, उनकी प्रक्रिया को भी रोका गया है।
यह भी पढ़ें : स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 126 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन
गहलोत सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्मार्टफोन योजना शुरू की थी। मगर फिलहाल यह योजना बंद कर दी गई है। सरकार का कहना है, कि योजना पर जल्द निर्णय किया जाएगा। योजना के तहत 24 लाख 56000 महिलाओं को स्मार्टफोन मय इंटरनेट डाटा दिया जाएगा।
इस पर कल 670.08 करोड रुपए खर्च किए गए। वित्तीय वर्ष 2023 और 24 के बजट घोषणा की पालना में स्मार्टफोन वितरण कार्य को आचार संहिता के कारण बंद कर दिया गया था। विगत सरकार द्वारा प्रथम चरण में 40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने का लक्ष्य रखा गया था।
बजट घोषणा 2022 और 23 में लगभग 1 करोड़ 33 लाख चिरंजीवी परिवार को मुखिया महिलाओ को स्मार्टफोन दिए जाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए 1600 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया। उक्त घोषणा को संशोधित कर बजट 2023 और 24 की घोषणा में 40 लाख लाभान्वितों को स्मार्टफोन दिए जाने का लक्ष्य रखा गया।
9 अक्टूबर 2023 तक महिलाओं को स्मार्टफोन का वितरण किया गया। पूर्ववर्ती सरकार मे 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा था। मगर वर्तमान सरकार ने इस भत्ते को बंद करने की बजाय 2007 में पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय शुरू की गई मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत गरीबी भत्ता दिया जा रहा है।
इस योजना में वर्तमान में 1,86,656 अशार्थियों को बता दिया जा रहा है। जिसमें पुरुष सारथी को 4000 एवं महिला निशक्तजन एवं ट्रांसजेंडर अशार्थियों को 4500 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 6 अक्टूबर 2023 को मालपुरा, सुजानगढ़ व कुचामन सिटी को नवीन जिला बनाने की घोषणा की थी।
मंत्रिमंडल ने इसे सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी। साथ ही इन जिलों का क्षेत्राधिकार निर्धारण के लिए एक उच्च स्तरीय समिति को निर्देशित किया गया। लेकिन समिति की अनुशंसा प्राप्त नहीं होने से राजस्व विभाग द्वारा घोषित जिलों के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गई।
प्रशासनिक सुधार विभाग के 17 दिसंबर 2023 के पत्र के निर्देशानुसार उच्च स्तरीय समिति को समाप्त किया जा चुका है। ऐसे में फिलहाल इन जिलों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
यह भी पढ़ें : स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 126 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन