एसआई भर्ती 2021 पर राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा आदेश।
न्यायाधीश समीर जैन इस मामले में कैलाश चंद्र शर्मा व 24 अन्य की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कोर्ट को बताया है कि एस आई भर्ती 2021 के अंतर्गत 2021 में 13 से 19 सितंबर के बीच परीक्षा आयोजित की गई है। जिसका पेपर लीक हो गया और इस मामले में कई पर शिक्षकों उप निरीक्षक गिरफ्तार किया जा चुके हैं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। पेपर लीक मामले को लेकर विवाद में आ चुकी है पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। भर्ती के भविष्य को लेकर मंत्रिमंडलीय कमेटी करीब सवा महीने पहले मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप चुकी है। वहीं सोमवार को हाई कोर्ट ने प्रशिक्षु उप निरीक्षकों के मामले में यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार तक टालते हुए भर्ती पर जवाब देने के लिए प्रमुख गृह सचिव के जरिए राज्य सरकार, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान लोक सेवा आयोग सचिव , स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अतिरिक्त महानिदेशक वह दो प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
यह भी पढ़ें – डॉ सीमा सोमानी की नई किताब, द डिस्कोर्स का ट्रांसग्रेशन का गवर्नर द्वारा विमोचन।
तीन प्रशिक्षुओं में से एक पेपर लीक मामले में जेल में है। दूसरा आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राइका का बेटा है। अगले महीने इन उपनिरीक्षकों का प्रशिक्षण पूरा होना है।
न्यायाधीश समीर जैन ने इस मामले में कैलाश चंद्र शर्मा व अन्य 24 की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कोर्ट को बताया है कि एस आई भर्ती 2021 के अंतर्गत 2021 में 13 से 19 सितंबर के बीच परीक्षा आयोजित की गई, जिसका पेपर लीक हो गया और इस मामले में कई प्रशिक्षु उपनिरीक्षक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि भारी गड़बड़ी के कारण ऐसा अवैध घोषित कर भर्ती को रद्द कर दिया जाए। और भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों की पुनः परीक्षा कराई जाए।
एस ओ की जांच को मॉनिटर करने, एसओजी की जांच रिपोर्ट तलब करने और भर्ती में शामिल अब उम्र पार हो चुके अभ्यर्थियों को आयु में छूट देने का आग्रह भी किया गया है। कोर्ट ने सनी के दौरान अतिरिक्त महाअधिवक्ता भुवनेश शर्मा से कहा है कि सरकारी पक्ष का जवाब दिलाया जाए। याचिका में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राइका के बेटे प्रशिक्षु एसआई देवेश राइका व जेल में बंद प्रशिक्षु एस आई नरेश कुमार भी पक्षकार हैं।
यह भी पढ़ें – धर्मो रक्षित रक्षिता, बाल व्यास मधुर जी महाराज, रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया गया।
पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर विधि मंत्री जोगाराम पटेल के नेतृत्व में बनी 6 सदस्यीय मंत्रिमंडलीय कमेटी पिछले माह मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप चुकी है। बताया जाता है कि रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा राधिका इसमें शामिल अभ्यर्थियों की पुनः परीक्षा कराई जाने पर जोर दिया गया है। जिस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री करेंगे। कमेटी में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, सुमित गोदारा, बाबूलाल खराड़ी, जवाहर सिंह बेड़म, मंजू बाघमार भी सदस्य रहें।
859 पदों पर चयन, एसओजी के पास जांच………………..
इस भर्ती के जरिए 859 पदों पर चयन किया गया है। भर्ती प्रकरण की जांच एसओजी में एंटी चीटिंग सेल कर रही है और करीब चयनित 50 उपनिरीक्षक गिरफ्तार हो चुके हैं। पेपर लीक गिरोह के 36 सदस्य, प्रशिक्षु थानेदारों के परिजन, डमी अभ्यर्थी व अन्य लोग भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा, एसओजी को साथ प्रशिक्षु थानेदारों की तलाश है और 300 प्रशिक्षु थानेदारों की भूमिका की अभी जांच की जानी है।
इस मामले में आरपीएससी के एक वर्तमान व एक पूर्व सदस्य भी गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं मुख्य वांटेड यूनिक भांभू व सुरेश ढाका विदेश भाग गए और गिरोह के अनेक सदस्य भूमिगत है। आप है कि हरियाणा के एक गिरोह ने भी पेपर परीक्षार्थियों अब तक पहुंचाया। इस गिरोह के सदस्य भी अब पकड़ में नहीं आए हैं। लेकिन गैंग पकड़ में नहीं आ सकी है।