शिंदे – सोरेन फार्मूले पर केजरीवाल का सियासी गणित, महिलाओं के लिए खोल खज़ाना, आधी आबादी को अपने हक़ में करने के लिए महाराष्ट्र व झारखंड में कामयाब।
सियासी पंडित बताते हैं कि महिलाओं को बतौर बैंक में तब्दील करने का यह पहला बड़ा प्रयोग था। इसका सीधा फ़ायदा आपको हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाओं ने आपको वोट किया। इससे आपने दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार उनके पास महाराष्ट्र और झारखंड के कामयाब उदाहरण भी हैं। इसमें दोनों राज्यों की सरकारों ने महिलाओं के खाते में सीधे पैसा डालने की योजनाएं घोषित कर फिर से सत्ता हासिल कर सकी थी। इसी भरोसे केजरीवाल ने पहले से घोषित योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर 2100 करने का दावा किया था।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
शिंदे – सोरेन फार्मूले पर केजरीवाल का सियासी गणित, महिलाओं के लिए खोला खज़ाना और आधी आबादी को अपने हक में करने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड के कामयाब फार्मूले को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने भी आजमाया है। केजरीवाल ने भी दोनों राज्यों की तरह महिलाओं को ₹2100 देने का वादा किया है। इस दिशा में एक कदम बढ़ते हुए आपकी दिल्ली सरकार ने महिला सम्मान योजना को मंजूरी भी दे दी है। इसमें महिलाओं को हर महीने ₹1000 मिलेंगे। जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र और झारखंड सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी इस चुनावी वादे के सहारे दिल्ली की सत्ता पर तीसरी बार काबिज होने की कोशिश कर रही है।
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हालांकि, दिल्ली में इससे पहले भी 2019 विधानसभा चुनाव में इस तरह का एक सफल प्रयोग किया गया था। विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बस में महिलाओं का सफर मुफ्त कर दिया था। इसका असर भी विधानसभा चुनाव के दौरान भी दिखा। आंकड़े बताते हैं कि उसे दौरान महिलाओं ने पुरुषों के करीब-करीब बराबर ही वोट किया था। पुरुष मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 62.59 व महिला मतदाताओं का प्रतिशत 62.52 था। वही करिए 25 विधानसभाओं में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट किया।
86 पंडित बताते हैं कि महिलाओं को बतौर वोट बैंक में तब्दील करने का यह पहला बड़ा प्रयोग था। इसका सीधा फ़ायदा आपको हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाओं ने आपको वोट किया। इससे पहले भी आपने बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार उनके पास महाराष्ट्र और झारखंड के कामयाब उदाहरण भी है। इसमें दोनों राज्यों की सरकारों ने महिलाओं के खाते में सीधे पैसे डालने की योजनाएं घोषित कर फिर से सत्ता हासिल कर सकीं थी। इसी भरोसे केजरीवाल ने पहले से घोषित राशि 1000 से बढ़ाकर 2100 करने का दावा किया है।
इस तरह की योजनाओं ने महिलाओं में जाति व धर्म का बंधन कमज़ोर किया हैं। वहीं इससे महिलाएं वोट बैंक के तौर पर तब्दील होगी। इसका फायदा उन दलों को ज़्यादा होता है। जिनकी सरकार है और वह इसी तरह की किसी योजना को लागू कर रही है। इससे यह बात साबित होती है कि चुनाव से पहले इस तरह की घोषणाएं एक तरह से प्रलोभन होती है।
इनको मिलेगा योजनाओं का फ़ायदा…….
- दिल्ली के स्थाई निवासी हो।
- वोटर कार्ड दिल्ली का हो।
- 18 वर्ष से ऊपर की महिला इसमें शामिल होंगी।
- सरकारी कर्मचारी इसके दायरे से बाहर होंगे।
- निजी नौकरी करने वाली महिला अगर आयकर देती है तो उनको भी इसका फ़ायदा नहीं मिलेगा।
- किसी दूसरी योजना की लाभार्थी इसकी पात्र नहीं होंगी।
- योजना लाभ लेने के लिए पंजीकरण कराने के साथ स्वघोषित हल्फनामा देना होंगा, जिससे वह योजना की पात्र हैं।
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