सऊदी अरब ने डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है, जब उन्होंने फिलिस्तीन देश बनने तक इजराइल को मान्यता दिन से इनकार किया।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फिलीस्तीन को लेकर अपनी इरादों की पुष्टि की है। जिस किसी भी प्रस्तुति में किसी भी व्याख्या के अनुमति नहीं देता है। यह कदम सऊदी अरब की फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार एजेंसी नई दिल्ली ।
…सऊदी अरब में डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है। जब उन्होंने फिलिस्तीन देश बनने तक इजराइल को मान्यता देने से इनकार कर दिया। यह कदम अब्राहम अकॉर्ड 2.0 के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में फिलिस्तीनियों को मिस्त्र या जॉर्डन में बसाने की मांग की थी। जिसमें मुस्लिम देशों में भारी विरोध किया गया है। सऊदी अरब के विदेशी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि फिलिस्तीनियों को उनकी ज़मीन से विस्थापित करने के किसी प्रचार को सऊदी अरब सिरे से ख़ारिज करता है।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फिलीस्तीन को लेकर अपने इरादों की पुष्टि की है। जिससे किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्याख्या की अनुमति नहीं देता है। यह कदम सऊदी अरब की फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस कदम के बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल सऊदी अरब के साथ अच्छा प्रयास करेगा और कामयाब होंगा। लेकिन सऊदी अरब इस कदम ने अब्राहम अकॉर्ड 2.0 के भविष्य को अनिश्चित बना दिया हैं।
अब्राहम अकॉर्ड 2.0 समझौता है, जिसका उद्देश्य इजराइल और फिलीस्तीन के बीच शांति स्थापित करना है। लेकिन सऊदी अरब के इस कदम ने इस समझौते को एक बड़ा झटका दिया है।
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