बासमती गांव में सड़क बनी तालाब, ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन
ग्रामीणों ने कहा कि 3 दिन में व्यवस्था दुरुस्त न होने पर शुरू होगा वृहद आंदोलन
राजेश प्रकाश : पाकुड़। महेशपुर सीमावर्ती क्षेत्र के बासमती गांव के मुख्य सड़क के बीचो-बीच सड़क पर बीते 3 वर्षों से बने गड्ढे और उसमें जमें पानी के कारण क्षेत्र के लोगों का जीवन नर्क बन गया है। आवागमन में हो रही परेशानी से तंग आकर शुक्रवार को बासमती गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन व जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रखंड प्रशासन हाय-हाय जिला प्रशासन हाय-हाय आदि नारे भी लगाए।
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क्षेत्र के समाजसेवी नरेश कांत शाह ने कहा कि बीते 3 साल से बासमती ग्राम में बीचों-बीच सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। सड़कों पर पानी जमा होने से सड़क किनारे नारकीय स्थिति बनी हुई है। आए दिन कई मोटरसाइकिल चालक गड्ढे में असंतुलित होकर गिर जाते हैं जिससे जान जोखिम का खतरा बना रहता है। इस समस्या के मामले में क्षेत्र के लोगों ने कई बार आवाज उठाई लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है, अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे। इससे गुस्सा ग्रामीणों ने शुक्रवार को सड़क के बीचो-बीच खड़े होकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
समाजसेवी नरेश कांत शाह की अगुवाई में एकत्रित ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन और जिला प्रशासन को तीन दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि आने वाले एक सप्ताह के बाद दुर्गा पूजा शुरू हो जाएगी पास में ही बासमती दुर्गा मंदिर है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा करने जाते हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या काफी अधिक रहती है। ऐसी स्थिति में सड़क पर गंदा पानी जमा होने से महिलाओं को मंदिर आने-जाने में काफी परेशानी होगी। लेकिन इस समस्या की ओर किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान तक नहीं गया, ना ही किसी नहीं समस्या के समाधान करने की जहमत उठाई।
ग्रामीणों ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आने वाले दो से तीन दिनों के अंदर सड़क की स्थिति न दुरुस्त हुई तो वृहद आंदोलन करते हुए भूख हड़ताल भी की जा सकती है। ग्रामीणों ने कहा कि 3 साल से व्यवस्था सुधारने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सरकार और प्रशासन की छुट्टी के चलते क्षेत्र के लोग परेशान है।
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