रीवा में पहले भी हुई है गैंगरेप की घटनाएं, आरोपी बोल रहे थे हम यहां लड़कियों का इंतजार करते हैं।

दिन प्रतिदिन होने वाले ऐसे मामलों में जहां गुनाहगार दोषी है वहीं पीड़ितों से अपेक्षा रहती है, कि वह सुनसान स्थान पर जाने से बचें।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार रीवा (मध्य प्रदेश)। रीवा के गुढ़ में सामने आई गैंग रेप मामले में जहां सुरक्षा की कमी, नशे का परिणाम जैसी स्थिति सामने आ रही है। वही एक स्थिति यह भी है कि जिस तरह से यह स्थान सुनसान है। वहां पर जाना खतरे से खाली समझ नहीं आता। यदि दंपति ने वहां जाने से पहले कुछ सावधानियां बरती होती और मौके की स्थितियों को समझा होता तो शायद ऐसी शर्मनाक घटना सामने नहीं आती। इसका आशय यह भी नहीं है कि हम सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मामले को दर्द किनार कर दे। 

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सुनसान स्थान पर जाने से बचें-

दिन प्रतिदिन होने वाले मामलों में जहां गुनहगार दोषी है वही पीड़ितों से अपेक्षा रहती है कि वह सुनसान स्थान पर जाने से बचें। लेकिन घटना के बाद केवल हम अपराध, अपराधी एवं न्यायालय मे होने वाली सुनवाई एवं सुनाएं गये फैसले तक सीमित होकर रह जाते हैं।

पुलिस तक शिकायत नहीं पहुंचती-

इस घटना पीड़िता द्वारा दिए गए बयान पर भी मोहर लगा दी है। कि इस घटना के पूर्व भी इस तरह की घटनाएं हुई होगी। लोग लज्जा एवं स्वय के द्वारा की गई गलती को छुपाने के उद्देश्य से उन मामलों की शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची। कई बार बदनामी का डर या माता-पिता के सामाजिक अपराध पर पढ़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए घटनाओं को छिपा लिया जाता है। गलत काम करने वाले लोग बातचीत के दौरान यह कह रहे थे कि हम यहां बैठकर पहले से ही महिला या लड़की का इंतजार करते हैं।

पुलिस में शिकायत नहीं होने से बढ़ जाता है हौसला-

भैरव बाबा मंदिर से तकरीबन 2 किलोमीटर दूर स्थित निर्जन एवं सुनसान स्थान पर अपराधी संगठित होकर इस तरह के वारदात को अंजाम देने के फिराक में रहते हैं। कभी-कभी उनके द्वारा किए गए घिनौनी घटना की रिपोर्ट न होने पर उनका हौसला बढ़ जाता है और फिर अचानक 21 अक्टूबर को घटित में शामिल दुष्कर्म घटना प्रकाश में आ जाती है। मौके पर दिखे साथ एवं महिला के बयान को सुनने के बाद स्थानीय लोगों से भी बातचीत की गई।

ग्रामीणों ने बताया, नशेड़ियों का अड्डा बन गई है यह जगह-

बातचीत के दौरान लोग कैमरा के सामने तो नहीं आए लेकिन उन्होंने यह बताने मैं कोई गुरेज नहीं किया कि इस निर्जन स्थान पर अधिकतर ए सामाजिक तत्व एवं मसूड़े का आना जाना रहता है। इसके बाद क्या था कि भोपाल की घटना याद आ गई, जिसमें कुछ साल पहले भोपाल से भोजपुर जाने वाले जोड़ों को स्थानीय लोग अपना शिकार बना लेते थे।

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बदनामी के डर से चुप रह जाते हैं-

सुनसान स्थान पर पहुंचने वाले इन जोड़ों में पुरुष को पैसोंका इंतजाम करनें के लिए भेजा जाता था और महिलाओं के साथ ज्यादती की जाती थी। बदनामी के डर से लूटा- पिटा जोड़ा चुपचाप रह जाता था। एक साहसिक युवती की जागरूकता और सूचना देने के बाद मामले में खुलासा हुआ था और कई लोग गिरफ्तार हुए थे। इस मामले को नजीर मानते हुए अगर जमीनी स्तर पर बात की जाए और इसके पहले यह लोगोंके साथ इस तरह की घटना हुई है। वह पुलिस के पास आए थे तो कहीं रहस्य से पर्दा उठ सकता है।

मौके पर मिली शराब की बोतल एवं खाने पीने का सामान –

भैरव बाबा मंदिर के पीछे 100 कदम चलने के साथ ही नियोजन स्थान पर शराब की खाली पड़ी बोतले, डिस्पोजल गिलास, पानी की खाली पड़ी बोतले, आम के पत्ते से बना ग­ई चिलम, आदि देखे जा सकते हैं।

चट्टान एवं सूचना स्थल-

और घटनास्थल के आसपास चट्टान हुआ तकरीबन 300 से 400 एकड़ में फैली हुई पथरीली चट्टानें देखने को मिलती हैं। कहीं-कहीं पानी के स्रोत कंटीली झाड़ियां भी दिखाई देती है। मुख्य मार्ग से कनेक्ट ना होने के कारण इस और किसी का ध्यान नहीं जाता गांव के लोग अधिकतर यहां बकरी चराने या फिर अपने नशे के शौक को पूरा करने के लिए पहुंचते हैं।