राज्यसभा में बीजेपी सांसद पर गुस्सा गए मल्लिकार्जुन खरगे, मचा हंगामा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। 2013 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो कहते थे कि रुपया अस्पताल में है लेकिन उस वक्त डॉलर के मुकाबले रुपए 60 रुपया कुछ था। इसके बाद भाजपा सांसद नीरज शेखर कुछ बोलने लगे, इस पर मल्लिकार्जुन को गुस्सा आ गया, उन्होंने कहा कि तेरे बाप का भी मैं साथी रहा, उसको लेकर भी मैं घूमता था, चुप बैठ........

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

राज्यसभा में बीजेपी सांसद पर गुस्सा गए मल्लिकार्जुन खरगे, मचा हंगामा राष्ट्रपति के के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बीजेपी सांसद नीरज शेखर पर गुस्सा गए। अपने भाषण की शुरुआत में मल्लिकार्जुन ने कहा है कि बीजेपी की सरकार बनी तो “सबका साथ, सबका विकास” का नारा दिया गया है। इसके बाद इसमें फिर चार शब्द जुड़ गए। इसके बाद वह नारा……..

“सबका साथ सबका विकास , सबका विश्वास सबका प्रयास” हो गया।

मल्लिकार्जुन ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। 2013 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो कहते थे कि रुपया अस्पताल में हैं, लेकिन उस वक्त डॉलर के मुकाबले रुपए ₹60 कुछ था।

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इसके बाद बीजेपी सांसद नीरज शेखर कुछ बोलने लगे…… इस पर मल्लिकार्जुन खरगे को गुस्सा आ गया, उन्होंने कहा-  “तेरे बाप का भी मैं साथी रहा, उसको लेकर भी मैं घूमता था… चुप बैठ……”

सदन में मचा हंगामा……….

इसके बाद सदन में हंगामा मच गया। राज्यसभा के सभापित के हस्तक्षेप के बाद मामले को शांत कराया गया। मल्लिकार्जुन के बयान को सुनकर नीरज शेखर भी आक्रोशित हो गए। धनखड़ के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। मल्लिकार्जुन ने कहा कि मनमोहन सिंह जी के जमाने में भारत के डीजीपी ग्रोथ 7.8 थी। बीजेपी के कार्यकाल में यह आंकड़ा 5.4 पर आकर गिर गया है।

मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति की नोंक-झोंक………

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनकड़ ने सदन में 1000 लोगों की मौत का आंकड़ा पेश किया। जिस पर सभापति ने आपत्ति जताते हुए कहा कि , “आप क्या कह रहे हैं मल्लिकार्जुन जी, क्या आपने सोचा है कि इससे कितने लोगों को ठेस पहुंचेगी?”

इसके जवाब में मल्लिकार्जुन ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा है कि सरकार को वास्तविक मृतकों की संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने कहा, अगर मैं गलत हूं तो मैं माफी मांग लूंगा, लेकिन पहले सच सामने आना चाहिए। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज़ हो गए और बोले- आप क्या कह रहे हैं, इससे देश और दुनिया में क्या संदेश जाएंगा? इस दौरान सदन में काफ़ी हंगामा हुआ और दोनों के बीच तीखी नोंक-झोंक जारी रहीं।

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