राजस्थान में सस्ती बिजली के इंतजाम नहीं, इसलिए अब ₹16 यूनिट बिजली उत्पादन की तैयारी।
विद्युत उत्पादन निगम ने राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की है, इसमें गैस और स्टीम टरबाइन से संचालन पर टैरिफ अलग-अलग है बताया जा रहा है कि रबी सीजन शुरू होने वाला है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। सरकार के सस्ती बिजली उत्पादन के प्रयासों के बीच धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन और महंगा होगा। यहां 16 रुपए प्रति यूनिट तक रेट आएगा। विद्युत उत्पादन निगम ने राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की है। इसमें गैस और स्टीम टरबाइन से संचालन पर टैरिफ अलग-अलग है। बताया जा रहा है कि रवि सीजन शुरू होने वाला है और अगले तीन में बिजली के डिमांड 18,000 हजार मेगावाट से ज्यादा पहुंचने का आंकलन किया गया है।
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इसी का हवाला देते हुए अवसरों को धौलपुर कंबाइंड पावर प्लांट में संचालन की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसलिए अब टैरिफ तय होना भी जरूरी है। वर्ष 2024 – 25 में करीब 2458 करोड़ मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन की जरूरत जताई गई है। इस प्लांट से बिजली उत्पादन के लिए गैस की जरूरत होती है और इसके लिए निगम ने गैंस में एम ओ यू किया हुआ है। अफसरों ने गैस महंगी होने के कारण उत्पादन लागत बढ़ने का तर्क दिया है। प्लांट की क्षमता 330 मेगावाट है।
इसलिए ₹16 रूपये पर यूनिट पड़ेगी लागत……….
- गैंस टरबाइन संचालन से उत्पादन- ₹16 प्रति यूनिट (संचालन आधे घंटे में शुरू किया जा सकता है, रवि सीजन और बिजली संकट के दौरान तत्काल उत्पादन शुरू करने की जरूरत रहती है)।
2.गैस के साथ स्टीम टरबाइन उत्पादन – ₹12 प्रति यूनिट लागत (बिजली उत्पादन शुरू करने में काम से कम 12 घंटे लगते हैं)।
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4 साल में डेढ़ माह ही मिली –
1- इस वर्ष भीषण गर्मी में बिजली संकट गहराया। डिमांड पूरी करने के लिए प्लांट से उत्पादन शुरू किया गया।
2- गैस आधारित यह पावर प्लांट अंतिम बार इस वर्ष में चलाया गया था। करीब 15 से 20 दिन बिजली उत्पादन किया गया। इसके बाद संचालन बंद कर दिया गया।
3- इससे पहले वर्ष 2023के सितंबर में 15 दिन उत्पादन किया गया।
4- वर्ष 2020 में करीब एक माह तक उत्पादन हुआ।
5- इस बीच बिजली कंपनियां पिछले 5 साल में 700 करोड रुपए फिक्स चार्ज के रूप में लूटा चुकी है।