राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लिया आशीर्वाद, कहा- देश में नफरत और डर का माहौल
पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने काशी में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश)। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में पहुंच चुकी है। आज यात्रा का दूसरा दिन है। यात्रा को शुरू हुए 35 दिन हो चुके हैं। राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में चौथी बार हाजिरी लगाई है।
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गोदौलिया से रथ यात्रा रोड पर पहली बार कोई कांग्रेस नेता राजनीतिक यात्रा करेगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने आज तक काशी में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है।
काशी में अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा है, कि इस यात्रा के दौरान मैंने कभी नफरत नहीं देखी। यहां तक की भाजपा और आरएसएस के लोग भी यात्रा में आए। जैसे ही हमारे पास आए उन्होंने हमसे अच्छे से बात की।
यह देश तभी मजबूत होता है जब हम साथ मिलकर काम करते हैं। देश को एक साथ लाना ही देश के प्रति सच्ची भक्ति है। राहुल ने कहा कि इस वक्त देश में नफरत और डर का माहौल है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का काशी से गहरा लगाव हुआ करता था।
नेहरू ने 1910 से 1950 तक काशी की कई यात्राएं की। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पंडित जवाहरलाल नेहरू का काशी आना-जाना लगा रहता था। वहीं इंदिरा गांधी ने भी काशी की राजनीतिक और धार्मिक यात्राएं की थी।
राहुल गांधी के पर नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार 1910 में अपने पिता पंडित मोतीलाल नेहरू के साथ काशी आए थे। इसके बाद 1921 में काशी विद्यापीठ के स्थापना समारोह में पहुंचे थे। इसके बाद 1942 और 1946 में काशी पहुंचे थे।
आजादी के बाद बतौर प्रधानमंत्री पंडित नेहरू 1950 और 1952 में काशी आए थे। राहुल की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 1980 के चुनाव की काशी यात्रा ऐतिहासिक थी। प्रोफेसर सतीश कुमार राय ने बताया कि 31 दिसंबर 1979 की शाम 8:00 बजे उनकी सभा निर्धारित थी। वह 14 घंटे की देरी से 1 जनवरी 1980 को सुबह 10:00 बजे पहुंची। बरसात भरी सर्दी के बावजूद भी जनता उनके इंतजार में ड्टी रही।
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