पीटीआई के बर्खास्तगी नोटिस मामले में हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाएं रखने के दिए निर्देश।
ऐसे में याचिकाकर्ता ने उन्हें ऑफलाइन विस्तृत आवेदन पत्र में और दस्तावेज़ सत्यापन के समय गलतियों को सुधार दिया। चयन बोर्ड ने आवेदन पत्र और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद मामला राज्य सरकार के पास भेजा और ज़िला शिक्षा अधिकारी ने यात्राओं को पत्र मानते हुए पीटीआई के पद पर नियुक्ति की। याचिका में कहा गया है कि अब शिक्षा विभाग में याचिकाकर्ता को यह कहते हुए सेवा बर्खास्तगी तरीके का नोटिस भेजा है कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन पत्र में रोल नंबर सहित शैक्षणिक योग्यता तक जानकारी गलत दी थी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान )।
राजस्थान हाई कोर्ट ने पीटीआई भर्ती के आवेदन पत्र में मिसमैच से जुड़े मामले में याचिकाकर्ता पीटीआई के बर्खास्तगी नोटिस पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है। इसके साथ ही बोर्ड के सचिव सहित अन्य पक्षकारों से जवाब देने के लिए कहा गया है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश महिमा कुमारी व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता आर.पी. सैनी ने अदालत को बताया है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 जून 2022 को पीटीआई के 5546 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें चयन का आधार लिखित परीक्षा थी। याचिकाकर्ताओं ने भर्ती का आवेदन पत्र ऑनलाइन भरा था।
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लेकिन आवेदन पत्र में ई-मित्र संचालकों ने बीपीएड परीक्षा के रोल नंबर की जगह गलती से एनरोलमेंट नंबर भर दिया। वहीं, कहीं आवेदन पत्रों में रोल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया गया।
बढ़ती विज्ञापन की शर्त संख्या 18 के तहत ऑनलाइन के समय आवेदन पत्र में गलती रहने पर उसे दस्तावेज़ सत्यापन के समय सुधारने की छूट दी गई थी।
ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने ऑफलाइन विस्तृत आवेदन पत्र में और दस्त भी सत्यापन के समय गलतियों को सुधार दिया। चैन बोर्ड ने आवेदन पत्र और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद मामला राज्य सरकार के पास भेजा और ज़िला शिक्षा अधिकारी ने याचिकाकर्ताओं को यह कहते हुए सेवा बर्खास्तगी का नोटिस भेजा है कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन पत्र में रोल नंबर सहित शैक्षणिक योग्यता की जानकारी गलत दी है।
इसे चुनौती देते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार और चयन बोर्ड ने तीन बार जांच के बाद ही उन्हें नियुक्ति दी है। इसीलिए उन्हें सेवा बनाए रखा जाएं। इस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने के विभाग के नोटिस पर यथास्थिति बनाएं रखने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है।
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