प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों पर एक्शन का आदेश, हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव चिकित्सा से मांगी रिपोर्ट।
डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया है कि अब तक 37 जिलाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। जिसकी जांच की जा रही है। ताकि रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जा सके। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट से कुछ और समय देने की मांग की है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से उन सरकारी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्दी पूरी करने के लिए कहा है, जो प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त पाए गए हैं।
इससे पूर्व कोर्ट ने पूरे प्रदेश में जांच कर ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित करने के लिए कहा था, जो सरकारी अस्पतालों विशेष कर मेडिकल कॉलेजों में नौकरी कर रहे हैं और प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते हैं।
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डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया था। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया है कि अब तक 37 जिलाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जिसकी जांच की जा रही है, ताकि रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जा सकें। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट से कुछ और समय देने की मांग की है।
कोर्ट ने कहा कि पिछले सुनवाई पर दाखिल हफलनामें कहा गया था कि प्राइवेट प्रैक्टिस करते पाए गए कुछ डॉक्टर के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्य की जा रही है। मगर इस हलफनामे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि यह अदालत सरकार से अपेक्षा करती है कि वह जल्दी कार्यवाही पूरी करेगी ताकि प्राइवेट प्रैक्टिस वाले सरकारी डॉक्टरों को कड़ा संदेश दिया जा सकें। मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होंगी, तब तक कृत कार्यवाही से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।
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