पुलिसकर्मी बनकर जयपुर में महिलाओं से लूटा था सोना
4000 किलोमीटर पीछा कर गैंग के सरगना को पकड़ा, पुलिस से बचने के लिए पत्नी को रखता था साथ।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। राजस्थान सहित आठ राज्यों में पुलिसकर्मी बनकर करोड़ों रुपए का सोना लूटने वाली अंतरराज्य ईरानी गैंग का जयपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 700 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद ईरानी गैंग के सरगना को चिन्हित किया। गैंग का सरगना पुलिस से बचने के लिए पत्नी को साथ रखता था। जवाहर नगर थाना पुलिस ने 4000 किलोमीटर पीछा करेके सरगना और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से तीन गाड़ियां पांच मोबाइल नकली गहने और फर्जी पुलिस आईडी के साथ ही अलग-अलग एड्रेस के आधार कार्ड बरामद हुए हैं। पुलिस पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की संभावना है। पुलिस गैंग के फरार बदमाशों की तलाश कर रही है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि जयपुर कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ ने बताया कि अंतरराज्य ईरानी गैंग के सरगना साजिद उर्फ सिकंदर (36 वर्ष) पुत्र हैदर उर्फ सखी और उसकी पत्नी जेहरी कनीज (32 वर्ष) निवासी पुरानी पाड़ा भिवंडी जिला ठाणे (महाराष्ट्र) को गिरफ्तार किया गया है। साजिद उर्फ सिकंदर ने अपनी गैंग के बदमाशों के साथ मिलकर जयपुर में 27 मार्च को श्याम नगर, मानसरोवर इलाके और 29 मार्च को जवाहर नगर, आदर्श नगर, मोती डूंगरी और अशोकनगर इलाके में लूट की वारदात की थी। इन बदमाशों ने पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्ग महिलाओं को डरा धमकाकर सोने के गहने उतरवा लिए थे और लूट कर फरार हो गए थे।
बदमाशों को पकड़ने के लिए डीसीपी (ईस्ट) कावेंद्र सिंह सागर के सुपरविजन में जवाहरनगर थाना अधिकारी दौलत राम गुर्जर और डीएसटी (ईस्ट) के पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मी नारायण के नेतृत्व में टीम को गठित किया गया है। 700 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
डीसीपी कावेंद्र सिंह सागर ने बताया कि पुलिसकर्मी बनकर सोने के गहने लूटने वाली गैंग के बारे में पड़ोसी राज्यों से कांटेक्ट किया गया। सूचनाओं के आधार पर पड़ोसी राज्य दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र गुजरात, आंध्र प्रदेश आदि जगहों पर ईरानी गैंग के इस तरह पुलिसकर्मी बनकर करोड़ों रुपए का सोना लूटने की जानकारी मिली है। वारदात स्थलों से लेकर ईरानी गैंग के आने जाने के रुट को लेकर सीसीटीवी फुटेजों को खंगाल गया। 700 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेजों को खंगाल ने पर पुलिस टीम ईरानी गैंग के सरगना के जगतपुरा स्थित किराए के फ्लैट पर जा पहुंची। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सरगना अपनी पत्नी और गैंग के बदमाशों के साथ गाड़ी लेकर निकल चुका था।
कावेंद्र सिंह सागर ने बताया कि पुलिस टीमों ने ईरानी गैंग के सरगना का पीछा करना शुरू किया तो पुलिस से बचने के लिए शातिर क्रिमिनल ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर नहीं रूकता था दो सप्ताह तक पुलिस टीम सरगना का पीछा करते हुए महाराष्ट्र, मुंबई ईरानी पांडा भिवाड़ी मध्य प्रदेश, गुजरात आदि स्थानों पर लगातार पीछा करते हुए आरोपी के ठिकानों तक पहुंच गई। आखिरकार पुलिस टीम ने सरगना साजिद उर्फ सिकंदर और उसकी पत्नी जेहरी कनीज को गिरफ्तार कर लिया। ईरानी गैंग के बदमाशों ने जयपुर में 29 मार्च को 45 मिनट में आदर्श नगर, जवाहर नगर ,मोती डूंगरी और अशोकनगर में लूट की वारदात की।
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सिकंदर ने राजस्थान सहित आठ राज्यों में करोड़ों रुपए का सोना लूटा प्लानिंग के तहत ही गैंग के लोग पुलिसकर्मी बनकर महिलाओं को टारगेट करते थे और फिर सोना लूट कर फरार हो जाते थे। गैंग का सरगना पुलिस से बचने के लिए अपनी पत्नी को साथ रखता था। आरोपी अलग-अलग एड्रेस के बनवा आधार कार्ड से किराए पर फ्लैट लेता था। फिर बाइक और स्कूटी से रेकी करने के साथ ही पुलिस की नाकाबंदी की भी जानकारी कर लेता था। इसके बाद बाइक स्कूटी पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर सुबह के समय सोना पहने देखने वाली बुजुर्ग महिला को टारगेट करते थे और आंध्र पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड दिखाकर महिला को मर्डर जैसी वारदात होने की बात कह कर डरते थे। इसके बाद सोने के गहने उतारकर अंदर रखने के लिए कहते थे। जब महिला अपने गहने उतार लेती थी तो उससे छीन कर या नकली गहने देकर फरार हो जाते थे । पत्नी के साथ निकलने पर नहीं होता था शक।
डीसीपी (ईस्ट) ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक स्कूटी, एक बाइक और एक एक्सयूवी कार बरामद की है। मास्टरमाइंड के पास से 5 मोबाइल व सिम कार्ड और तीन सिम कार्ड कागज में लिप्टे मिले, दो फर्जी नंबर प्लेट के साथ आंध्र पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड और दोनों के अलग-अलग एड्रेस के आधार कार्ड के साथ ही नकली सोने की चूड़ियां जप्त की है। पूछताछ में सामने आया है कि वह अपनी गैंग के साथ मिलकर कुछ मिनट में ही गहने लुटकर फरार हो जाता था। गहने लुटने के बाद पत्नी के साथ कार में बैठकर निकलने पर नाकाबंदी में पुलिस को उस पर शक नहीं होता था और फरार हो जाता था।
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