पीएम नरेंद्र मोदी को नाइजीरिया का दूसरा सर्वोच्च सम्मान मिला, 140 करोड़ भारतीय और दोनों देशों के बीच मित्रता को समर्पित।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाइजीरिया के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनके दौरे का आखिरी दिन है। उन्होंने रविवार सुबह नए जिला के राष्ट्रपति के साथ राष्ट्रपति भवन में बैठक की थी। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार (भाजपा सरकार)। भारतीय पीएम मोदी को…..(द ग्रेट कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द नाइजर) सम्मान से नवाजते नाइजीरिया के राष्ट्रपति। 

नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को दूसरा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान (द ग्रेट कमांडर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़  नाइजर) से नवाजा है। रविवार को नाइजीरिया राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू ने पीएम मोदी को सम्मानित किया। इस मौके पर पीएम मोदी जी ने कहा कि मैं नाइजीरिया के राष्ट्रीय सम्मान के लिए नाइजीरिया सरकार और नाइजीरिया की जनता का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान मैं 140 करोड़ भारतीयों और भारत नाइजीरिया की गहरी मित्रता को समर्पित करता हूं। यह अवार्ड दोनों देशों के बीच इस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति के राष्ट्रपति भवन में बैठक की थी। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी जी ने कहा था कि नाइजीरिया में रह रहे 60 हजार से ज्यादा भारतीय दोनों देश के बीच मजबूत कड़ी है। उन्हें संभाल कर रखने और देखभाल करने के लिए मैं नाइजीरिया का धन्यवाद करता हूं।

सम्मान समारोह में पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें……………

  1. भारत और नाइजीरिया के संबंध आपसी सहयोग, सद्भाव और आपसी सम्मान पर आधारित है। वाइब्रेट डेमोक्रेसी और डायनामिक अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हम मिलकर दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिए काम करते रहेंगे ‌
  2. दोनों देशों की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता हमारे पहचान हैं। नाइजीरिया के रिन्यूड होप एजेंडा और भारत के विकसित भारत 2047 के बीच के समानताएं हैं ‌
  3. पिछले साल राष्ट्रपति टीनूबू कि भारत यात्रा से हमारे संबंधों में नया आयाम जुड़ा है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को और मजबूत बनने पर चर्चा की।
  4. एक करीबी और भरोसेमंद पार्टनर के रूप में नाइजीरिया के लोगों की जरूरत के हिसाब से स्किल डेवलपमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष जोर दिया जाएगा।
  5. प्रधानमंत्री ने अफ्रीका में नाइजीरिया की भूमिका तो हम बताया और कहा कि अफ्रीका के साथ करीबी सहयोग भारत की प्राथमिकता रही है। हम नाइजीरिया और अफ्रीका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे।

नरेंद्र मोदी जी से पहले एलिजाबेथ को नाइजीरिया का सर्वोच्च सम्मान मिला था। पीएम मोदी नाइजीरिया का दूसरा सर्वोच्च सम्मान पाने वाले दूसरे विदेशी शख्स हैं। उनसे पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को 1969 में यह सम्मान दिया गया था। यह पीएम मोदी को मिलने वाला 17 वां अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड है।

पीएम मोदी को राजधानी अजूबा की चाबी सौंपी गई। यह विश्वास का प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी शनिवार रात पहले बार नाइजीरिया पहुंचे। मोदी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर भारतीय लोगों का जमावड़ा लगा था। हाथ में तिरंगा लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।

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नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोले टीनूबू भी अजूबा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचे थे। मंत्री न्योसेम विके ने पीएम मोदी को अजूबा शहर की चाबी सौंपी। नाइजीरिया में इसे विश्वास और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। पीएम मोदी जी के नाइजीरिया पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। पीएम मोदी ने नाइजीरिया पहुंचने के बाद मराठी समुदाय से मुलाक़ात भी की। उन्होंने नाइजीरिया में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा दिए जाने पर खुशी जताई।

पीएम मोदी ने कहा है कि नाइजीरिया में भारतीयों समुदाय की तरफ से किए गए स्वागत को देखकर खुशी हुई। पीएम मोदी जी के नाइजीरिया दौरे को अखबारों में प्रमुखता से जगह दी गई है।

भारत के लिए अहम क्यों है नाइजीरिया?……………….

तेल और गैंस के विशाल भंडार की वजह से नाइजीरिया, अफ्रीका के हम देशों में से एक है। यह देश भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। अफ्रीका में भारतीय निवेश ख़ासकर ऊर्जा, खनन , फार्मास्यूटिकल्स और सूचना-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में लगातर बढ़ रहा है। नाइजीरिया इस्लामिक देश के संगठन और तेल उत्पादक देशों के संगठन का अहम सदस्य है। यह दोनों संगठन भारत की कूटनीति और आर्थिक नीति के लिए अहम है।

भारत ने आज़ादी के बाद अफ्रीका देशों की आज़ादी का पूरजोर समर्थन किया था। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों की शुरुआत नाइजीरिया की आज़ादी से पहले ही हो गई थी। भारत ने 1958 में नाइजीरिया में डिप्लोमेटिक हाउस की स्थापना की थी। इसके 2 साल बाद नाइजीरिया को आज़ादी मिली।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। तो नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। नाइजीरिया की आबादी (23 करोड़) , उत्तर प्रदेश (24 करोड़) से कम है, लेकिन यह देश सबसे तेज़ी से आबादी बढ़ने वाले देशों में शामिल है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक नाइजीरिया की आबादी 40 करोड़ होगी। तब वह भारत, चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश होगा।

बीबीसी के मुताबिक, नाइजीरिया दो भागों में बंटा हुआ है। उत्तरी हिस्सा जहां मुसलमान बहुसंख्यक है वहां गरीबी ज़्यादा है। दक्षिणी और पूर्वी नाइजीरिया में ईसाई आबादी ज़्यादा है। यह इलाका ज़्यादा संपन्न है। ईसाइयों के विरोध के बावजूद कई उत्तरी राज्यों ने इस्लामी शरिया कानून को अपनाया है। इस वजह से दोनों समुदाय के बीच विवाद और लड़ाईयां हो चुकी हैं।