PM E-बस सेवा पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए 65 शहरों में चलेगी एक लाख ई-बस।
डीजल और पेट्रोल वाहनों की भरमार से शहरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण नरकीय होते जीवन को सुधारने के लिए मोदी सरकार बड़ी योजना चलाने जा रही है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार (नई दिल्ली)। डीजल और पेट्रोल वाहनों की भरमार से शहरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण ना रखिए होते जीवन को सुधारने के लिए मोदी सरकार बड़ी योजना चलाने जा रही है। देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले 65 शहरों में एक लाख ई – बसें चलाने की तैयारी है। भारत शहरी मेघा बस मिशन योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। नए साल में 1.75 लाख करोड़ की लागत से यह योजना लॉन्च हो जाएगी।
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पीएम ई- बस सेवा पिछले साल पीपीपी मॉडल पर शुरू हुई। पीएम ई-बस सेवा का ही विस्तार है। पीएम बस योजना में 3 लाख आबादी वाले शहरों को 10000 ई-बसों से लैस करने की तैयारी थी।
प्रदूषण नियंत्रण में होगा कारगर-
यह योजना कई लक्ष्य को साधने के लिए चलाई जाएगी। एक लक्ष्य तो शहरों को प्रदूषण से निजात दिलाना है, दूसरे लोगों को निजी लोगों को सार्वजनिक परिवहन की तरफ आकर्षित करना है।
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केंद्र सरकार की कोशिश 2030 तक मोटर 40 यात्राओं में 60% और गैर मोटर चालित यात्राओं में सार्वजनिक परिवहन को कम से कम 50% बढ़ाने का है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय शहरों मैं 56% से अधिक यात्राएं 5 किलोमीटर से कम लंबाई की होती हैं।
5 साल तक चलेंगी योजना-
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस योजना पर 2025-30 तक का कार्य होगा। कल 1.70 लाख करोड़ में से 80,000 करोड़ रुपए बेसन के संचालक पर खर्च होंगे और 45,000 करोड़ रुपए बस स्टॉप सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा। कम दूरी की यात्रा पैदल या साइकिल से तय करने के लिए योजना के तहत कल पांच किलोमीटर फुटपाथ और साइकिल ट्रेन बनाया गया है।