पिता ने जताई संगम स्नान की इच्छा तो कैलिफोर्निया से दौड़ी चली आई बेटियां।
भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु मां गंगा और मां यमुना और मां सरस्वती की पावन गोद में स्नान करने के लिए महाकुंभ की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। संगम में स्नान का श्रद्धालु स्वयं को धन्य मान रहे हैं। संगम स्नान करने आए एक दूसरे कल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सपर्ट बताया, मैं और मेरी बहन ने अपने 85 वर्षीय पिता से उनके जन्मदिन पर उनकी इच्छा पूछी। उन्होंने कहा कि मेरे पास सब कुछ है पर यदि पूछ रहे हो तो कुंभ मेले में गंगा स्नान करना चाहता हूं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार एजेंसी नई दिल्ली।
बेटी ने सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें, तो यूजर्स ने बढ़ाया हौसला।
महाकुंभ में आ रहें श्रद्धालु के भावनात्मक कहानियां कर रही है, भाव- विभोर।
महाकुंभ 2025: की दिव्यता और भव्यता शब्दों से परे है। इसके आध्यात्मिक भव्यता से श्रद्धालु अभिभूत है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सनातन संस्कृति के इस शाश्वत स्वरूप में स्वयं को समर्पित कर रहे हैं।
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इसमें कई भावनात्मक पहले भी देखने को मिल रहे हैं। इसका एक नजर तब देखने को मिला जब अपने पिता की संगम स्नान की इच्छा को पूरा करने के लिए बेटियों ने अब्रॉड से इंडिया और फिर प्रयागराज तक का सफर किया।
भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की पवन गोद में स्नान करने के लिए महाकुंभ की ओर खींचे चले आ रहे हैं। संगम में स्नान का श्रद्धालु स्वयं को धन्य मान रहे हैं। संगम स्नान करने वाली एक श्रद्धालु न्यू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, “मैंने और मेरी बहन ने अपने 85 वर्षीय पिता से उनके जन्मदिन पर उनकी इच्छा पूछी। उन्होंने कहा- मेरे पास सब कुछ है, पर यदि पूछ रहे हो, तो मैं महाकुंभ स्नान करना चाहता हूं।
उनकी इस पवित्र इच्छा को पूरा करने के लिए दोनों बहने कैलिफोर्निया से प्रयागराज पहुंची। पिता को संगम स्नान कराने के लिए उन्होंने काफ़ी लंबी दूरी तय की है। लेकिन इसके बावजूद पिता की इच्छा पूरी करने की खुशी ने उनकी पूरी थकान उतार दी। इच्छा पूरी होने पर पिता की खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहा।
बेटियों के इस भक्ति भाव को देख कर लोगों की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि आपके पिता सच में भाग्यशाली हैं, जिनकी इतनी अद्भुत बेटियां हैं। आपने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए आधी दुनिया का सफर तय कर लिया। सुरक्षित रहें, इस अद्भुत माहौल को आत्मसात करें, और महाकुंभ की दिव्यता आपको सही मार्ग दिखाएं।
एक यूजर ने लिखा है कि उनकी सच्ची इच्छाओं को पूरा करने से बड़ा कोई सुख और आशीर्वाद नहीं हो सकता। मुझे भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब मैंने अपने माता-पिता को काशी और अयोध्या की यात्रा कराई। एक विदेशी यूजर ने लिखा, भारतीय परिवार शानदार होते हैं। पश्चिमी देशों को विकसित और भारत को विकासशील कहा जाता है। मुझे लगता है, यह बिल्कुल उल्टा है।
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