पिता के शव के दो टुकड़े करो, एक तुम जलाओ और एक मैं, अंतिम संस्कार के लिए दो बेटों में लड़ाई।
यह पूरा मामला लिधौरा ताल गांव का है। जहां पिता की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर दो सगे भाइयों के बीच विवाद हो गया। दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ गया कि बड़ा बेटा पिता को काटकर जलाने की जिद करने लगा। अंतिम संस्कार में एकत्रित परिजनों एवं रिश्तेदारों के मानने पर भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अंतिम संस्कार के लिए दोनों भाइयों को राजी किया। तब जाकर पिता का अंतिम संस्कार हो सका।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश )।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा थाना के लिधौरा ताल गांव से आज एक अजीबों-गरीब मामला सामने आया है। पिता की मृत्यु के बाद दो सगे भाइयों में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया। दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ गया कि एक भाई इस बात पर अड़ गया कि पिता के शव के दो टुकड़े कर दिए जाएं। ताकि एक हिस्से का अंतिम संस्कार वह कर सकें और दूसरे हिस्से का अंतिम संस्कार उसका भाई कर सकें।
यह पूरा मामला लिधौरा ताल गांव का है। जहां पिता की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर सगे भाइयों के बीच विवाद हो गया। दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ा कि बड़ा बेटा पिता को काटकर जलाने की जिद करने लगा।
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अंतिम संस्कार में एकत्रित परिजनों एवं रिश्तेदारों के मनाने पर भी जब बात नहीं बनी, तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर अंतिम संस्कार के लिए दोनों भाइयों को राजी किया। तब जाकर पिता का अंतिम संस्कार हो सका।
बड़े बेटे ने रुकवाया पिता का अंतिम संस्कार……….
लिधौरा ताल निवासी 85 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष की सोमवार सुबह मृत्यु हो गई। उनके बेटे दामोदर ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूर्ण कर ली। वहीं सूचना पर ग्रामीणों के साथ रिश्तेदार भी उनके घर पहुंच गए और अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए। तभी दामोदर का बड़ा भाई किशन सिंह घोष अपने बेटे एवं कुछ अन्य लोगों के साथ दामोदर के घर पहुंच गया और पिता का अंतिम संस्कार करने के जिद करने लगा।
जिद पर अड़ गया था मृतक का बड़ा बेटा…………
इस पर दामोदर ने उसे अंतिम संस्कार करने देने से मना कर दिया। उसका कहना था कि पिता उसके साथ रहते थे और उसने उनकी काफ़ी सेवा की है। लिहाज़ा वहीं पिता का अंतिम संस्कार करेगा। इसी बात को लेकर दोनों बेटों के बीच विवाद होता रहा और पिता के शव को भी घर के बाहर रख दिया गया। गांव के लोगों और रिश्तेदारों ने दोनों भाइयों को लाख समझाया कि दोनों भाई मिलकर अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लें। लेकिन बड़ा भाई किशन इस बात को लेकर बिल्कुल भी राजी नहीं था।
उसका कहना था कि पिता के शरीर के दो टुकड़े कर दिए जाएं। जिससे दोनों भाई पिता का अलग-अलग अंतिम संस्कार कर सकें। आख़िर जब बात नहीं बनी, तो फिर पुलिस को इस बात की सूचना दी गई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मृतक का अंतिम संस्कार हो सका।
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