महाशिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब, “बम-बम भोले” से गूंजा जिला

भक्ति में डूबे श्रद्धालु, शिव मंदिरों में गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे

रिपोर्ट : मुकेश साहनी : महाराजगंज। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर जिले में आस्था और भक्ति की लहर उमड़ पड़ी। हर ओर “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के गगनभेदी जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। जिले के प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा, जो पूरी रात जलाभिषेक और भजन-कीर्तन में लीन रहा।

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ईटहिया मंदिर में आधी रात से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

On Mahashivaratri, there was a flood of faith in the pagoda, "bomb-bomb Bhole" echoed districtनिचलौल तहसील के ईटहिया मंदिर में रात 2:00 बजे से ही भक्तों की भारी भीड़ जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर “हर-हर महादेव” के नारों से गूंज उठा। भक्तों ने शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना की।

नौतनवा, फरेंदा, सिसवा के मंदिरों में लगी लंबी कतारें

नौतनवा, फरेंदा, महाराजगंज और सिसवा स्थित बहुरहा बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। भक्त भोर से ही मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए उमड़ पड़े। शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।

ठूठीबारी में शिव-पार्वती विवाह की भव्य झांकी

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ठूठीबारी में संध्या समय कस्बे के पुराने शिव मंदिर और नौतनवा रोड पर स्थित शिव मंदिर में भव्य झांकियां निकाली गईं। स्थानीय मंदिर समितियों ने शिव-पार्वती विवाह की मनोरम झांकी सजाई, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। पुलिस प्रशासन की देखरेख में यह आयोजन शांतिपूर्ण और भव्य तरीके से संपन्न हुआ।

56 स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात, ड्रोन से निगरानी

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने जिले के 56 प्रमुख स्थानों पर दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की। पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र मीणा ने बताया कि कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए CCTV कैमरों और ड्रोन से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सार्वजनिक स्थानों पर वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

ईटहिया मंदिर बना आस्था और सांस्कृतिक आयोजन का केंद्र

ईटहिया मंदिर इस महाशिवरात्रि पर श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक आयोजनों का भव्य केंद्र बना रहा। भक्तों की अटूट आस्था और प्रशासन की मजबूत व्यवस्था ने इस पर्व को ऐतिहासिक बना दिया। शिवभक्तों के लिए यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा, धार्मिक उल्लास और सांस्कृतिक समागम का अद्भुत संगम साबित हुआ।

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