नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग के कार्य दायित्व की समीक्षा की

विद्युत की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन एनर्जी, थर्मल पावर के उत्पादन पर दिया जाए जोर।

मुकेश कुमार  (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार  लखनऊ (उत्तर प्रदेश)।  प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए के शर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री जी के संकल्प एवं निर्देशों के क्रम में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग के कार्य दायित्व की समीक्षा की।

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ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि वर्ष 2027 और 2028 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ सर्विस सेंटर, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि सभी क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग बढ़ेगी।

इस बढ़ी हुई मांग को निर्बाध रूप से पूरा करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन एनर्जी के साथ थर्मल पावर के उत्पादन पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। श्री ऐ के शर्मा आज शक्ति भवन में अपने दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के रोड मैप पर दोनों विभागों के कार्य दायित्व पर चर्चा की और कार्यों की समीक्षा भी की।

उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश के विकास में ऊर्जा ज़रूरतें वहां की इकोनामिक ग्रोथ के इंजन के रूप में कार्य करती है। हमें अपने प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था को हर हाल में सुदृढ एवं पूरी तरह से मांग के अनुरूप बनाना होगा। ग्रीडो का आधुनिकीकरण कर क्षमता बढ़ानी होगी।

आधारभूत संरचना को मजबूत करना होगा। इसके लिए आवश्यक तकनीकी जरूरी संसाधन तथा वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। जिससे कि ऊर्जा विभाग अपनी जिम्मेदारियां को बखूबी निभा सके। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 तक 22000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।

प्रदेश में 3630 मेगावाट के सोलर पार्क भी बनाए जा रहे हैं। बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट का ग्रीन एनर्जी ट्रांसमिशन कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। विद्युत अर्थव्यवस्था के ढांचागत सुधार के लिए आरडीएस योजना के तहत 16000 करोड रुपए के कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

आगामी कुछ वर्षों में कई थर्मल पावर प्लांट से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन प्रति वर्ष 1 मिलियन मेट्रिक टन उत्पादन का भी लक्ष्य है। बायो एनर्जी पर 5005 करोड रुपए के प्रोजेक्ट धरातल पर उतारे जाने हैं। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोग में बिजली की खपत सर्वाधिक 47% है।

जबकि औद्योगिक क्षेत्र में 15%, कृषि क्षेत्र में 20% और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 7% विद्युत का उपयोग है। प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ने से विद्युत की मांग भी बढ़ेगी।  इन सबको ध्यान में रखकर रणनीति बनानी होगी।

नगर विकास मंत्री श्री ऐ. के. शर्मा ने आगामी वर्षों में नगरीय क्षेत्रों में शहरी आबादी के अनुपात में नई टाउनशिप बनाने ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी बढ़ाने जल पूर्ति रोड में साफ सफाई अंडरग्राउंड केबलिंग रिवेन्यू जेनरेशन तथा क्वालिटी आफ लाइफ बढ़ाने आदि कार्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को पंजीकृत करने में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। शहरो के आधारभूत संरचनाओं के विकास, नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने, वाटर वेस्ट एंड सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट पर बेहतर कार्य करने पर बल देना होगा।

ग्रे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भी योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि पार्को, चौराहों, स्मारक, ऐतिहासिक स्थलों की साफ सफाई, सुंदरीकरण और अनुरक्षण के कार्यों के लिए पब्लिक पार्टनरशिप व संस्थाओं का भी अधिक से अधिक सहयोग लेने का प्रयास किया जाए।

टेलीफोन के तारों, ऑप्टिकल फाइबर के मकड़ह जल को व्यवस्थित करें। उन्होंने  सीएम  ग्रेड योजना के तहत 12 मीटर से ऊपर की सड़कों, सिग्नेचर रोड पर विद्युत लाइनों को अंडरग्राउंड करने के कार्यों पर नियोजित ढंग से कार्य किया जाए। जिससे कि विद्युत लाइन को किसी भी प्रकार की समस्या ना पैदा हो।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात  अध्यक्ष uppcl श्री आशीष गोयल, सचिव नगर विकास श्री अजय कुमार शुक्ला, प्रबंध निदेशक श्री पी गुरु प्रसाद, श्री पंकज कुमार ,निर्देशक स्थानीय निकाय श्री नितिन बंसल, विशेष सचिव श्री राजेंद्र पेंसिया , श्री अमित सिंह, निदेशक नेडा श्री अनूपम शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित है ।

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