“न बजेगा शंख, ना होने देंगे पूजा” मकान मालिक का एलान, क्या ताले में ही बंद रहेंगे काशी के सिद्धेश्वर महादेव?
वाराणसी के मदनपुरा स्थित गोल चबूतरे के पास मकान संख्या डी- 31 से सटे बंद मंदिर का विवाद आज तूल पकड़ लिया। काशी ने इस बंद बड़े मंदिर को 300 साल पुराना बताया और यहां सिद्धेश्वर महादेव की स्थापित होने की बात कही थी। इसके बाद इस मामले में तेजी से प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई। मकान में रहने वाले लोगों ने इसे हमेशा से बंद मंदिर बताया है। डीसीपी गौरव वंशवाल ने कहा है कि शांति बनी रहे इसके लिए यहां पीएसी तैनात कर दी गई है। जब तक कागजी कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश )।
यूपी के वाराणसी जिले में एक मंदिर मुस्लिम इलाके में मिला हैं। ‘ढूंढे काशी’ नाम की संस्था ने इस मंदिर को ढूंढा है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना बताया जा रहा है, जबकि 40 साल से इस पर ताला लगा हुआ हैं।
इस मंदिर को सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर कहा जा रह हैं। जिसका वर्णन स्कंध पुराण में भी है। अब सिद्धेश्वर महादेव के मंदिर होने की बात जैसे ही हिंदू पक्ष को पता चली तो उन्होंने वहां पर पूजा- पाठ करने की मांग डाली। फिलहाल अभी पूजा -पाठ पर फैसला नहीं हुआ है।
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वाराणसी के मदनपुरा स्थित गोल चबूतरे के पास मकान संख्या डी-31 से साठ बंद मंदिर का विवाद आज तूल पकड़ लिया। ‘ढूंढे काशी’ नाम की संस्था ने, इस बंद पड़े मंदिर को 300 साल पुराना बताया और यहां सिद्धेश्वर महादेव के स्थापित होने की बात कही थी। इसके बाद इस मामले में तेज़ी से प्रतिक्रिया आनी शुरू हुई हैं। मकान में रहने वाले लोगों ने इसे हमेशा बंद मंदिर बताया।
मंदिर के आस-पास पीएसी की तैनाती……….
ADM सिटी आलोक वर्मा ने कहा है कि हायर अथॉरिटी की जानकारी में पूरा मामला है। उनके आदेश पर ही तार्किक और आवश्यक निर्णय लिया जाएंगा। डीसीपी गौरव वंशवाल ने कहा है कि शांति बनाए रखें। इसके लिए यहां पीएसी तैनात कर दी गई है। जब तक कागज़ी कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती, तब तक लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई हैं।
श्री काशी विद्वत परिषद् की एंट्री के बाद मदनपुर मंदिर विवाद में निर्णायक मोड़ आ गया है। अभी तक इस मंदिर को सिद्धेश्वर महादेव कहने का जो दावा संस्था ‘ढूंढो काशी’ नाम की संस्था की तरफ़ से किया जा रहा था, उसे पर विद्वत परिषद् ने मोहर लगा दी हैं। विद्वत परिषद जल्द ही वहां प्रतिनिधिमंडल भेजकर स्थलीय निरीक्षण कराने जा रहा हैं।
मंदिर में राग भोग और दर्शन पूजन की मांग……….
विद्वत परिषद ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि वहां नियमित राग भोग और दर्शन पूजन की व्यवस्था कराई जाएं। मुस्लिम समाज से अपील की गई है कि इसे हिंदुओं को लौटा दिया जाएं। श्री काशी विद्वत परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने इसे पौराणिक मंदिर बताते हुए इसे हिंदुओं को सौंपने की मांग की है। प्रोफेसर द्विवेदी ने मुस्लिम समाज से भी इस मंदिर दावा छोड़ने की अपील की हैं।
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