मुर्गे की तरह बिठाया, 25 लाख रिश्वत मांगी, दिल्ली में फर्जी पुलिस कर्मियों ने छात्रों के फ्लैट पर डाली रेड।
आरोपियों ने पीड़ितों को मुर्गों की तरह बैठने के लिए मजबूर किया। बंदूक पड़े हुए उनकी तस्वीर खींची गई। उन्हें अपने घर में बंद रहने को कहा गया और धमकी दी गई कि वह चुप रहे। उसके बाद ही वह वहां से जाएंगे। पुलिस ने बताया कि पीड़ित, कुंज साल्वे, मोहम्मद अरीबुल हसन, आदित्य कुमार वर्मा, लवप्रीत सिंह, आदित्य वासवानी, सुजान्या गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। यह किसी भी कॉल सेंटर स्कैन में शामिल नहीं थे।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।
दिल्ली में एक अजीब मामला सामने आया है। फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चार लोगों ने छात्रों के एक समूह पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने का आरोप लगाया। फिर पश्चिमी दिल्ली में उनकी घर पर फर्जी छापेमारी की। यह दौरान उन्हें मुर्गे की तरह बैठने के लिए मजबूर किया गया। और जानें से पहले 1.55 लाख रुपए कैश लिए गए। इस तरह पिछले हफ्ते सामने आए हैरान करने वाली इस घटना का पुलिस ने पर्दाफाश किया।
पुलिस ने बताया है कि आरोपियों- मनप्रीत सिंह (29 वर्ष), जुनैद वासीद (23 वर्ष), कुलदीप सिंह (22 वर्ष), सरबजीत सिंह उर्फ प्रिंस (22 वर्ष), को मंगलवार को गिरफ़्तार किया गया।
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सभी पश्चिमी दिल्ली के निवासी हैं। उन पर 12 दिसंबर को डकैती और जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश में मामला दर्ज़ किया गया था। छात्रों के फ्लैट पर तथाकथित छापेमारी 10 दिसंबर को 4 घंटे तक चली।
आरोपियों ने पीड़ितों को मुर्गों की तरह बैठने के लिए मजबूर किया। बंदूक पड़े हुए उनकी तस्वीरें खींची गई। उन्हें अपने घर में बंद रहने को कहा गया और धमकी दी गई कि वह चुप रहे। उसके बाद ही वह वहां से जाएंगे। पुलिस ने बताया है कि पीड़ित- कुंज साल्वे, मोहम्मद अरीबुल हसन, आदित्य कुमार वर्मा, लवप्रीत सिंह, आदित्य वासवानी, सुजान्या गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। यह किसी भी कॉल सेंटर स्कैम में शामिल नहीं थे।
कुंज साल्वे ने अपनी शिकयत में कहा है कि 10 दिसंबर की रात करीब 9:30 बजे तीन लोगों ने उनसे और आदित्य वासवानी से संपर्क किया और दावा किया कि उनके पास फर्जी कॉल सेंटर में शामिल होने का वीडियो सबूत है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि तीनों ने खुद को पुलिस कर्मचारी बताया और बाद में उनका एक सहयोगी भी वहां आ गया। कॉलेज आईडी कार्ड दिखाने और कोई भी गलत काम करने से इनकार करने के बावजूद चारों लोगों ने जबरन उनके मोबाइल फ़ोन ले लिये और तलाशी लेने के नाम पर उन्हें उनके फ्लैट ले आएं।
कुंज साल्वे की शिकायत में बताया गया है कि आरोपियों ने सभी छ: छात्रों को घेर लिया। उनके साथ मार-पीट की और उनके फ़ोन और लैपटॉप जब्त कर लिये। अधिकारी ने बताया है कि छात्रों के साथ मार-पीट करने के बाद जालसाजों ने उनके ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज़ न करने या उनके ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज़ नहीं किया है। गिरफ़्तार न करने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। जब छात्रों ने पैसे देने से इनकार किया, तो आरोपियों ने उन्हें बंदूक दिखाकर धमकाया और करीब 23 हज़ार रुपए कैश वसूले और फिर उनके डेबिट कार्ड और डिटेल्स ले लिये। जिनसे उन्होंने करीब 1.32 लाख रुपये निकाल लिये।
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