मुख्यमंत्री स्वावलंबन रोज़गार योजना, छोटे उद्योगों और दुकानदारों को सशक्त बनाने के लिए नई पहल, 10 लाख तक वित्तीय सहायता।

मुख्यमंत्री स्वावलंबन रोज़गार योजना का उद्देश्य छोटे उद्योगों और दुकानदारों को आत्मनिर्भर बनाना और दिल्ली के समग्र विकास में योगदान देना है। इस योजना के माध्यम से पिछले समय में कार्यान्वित स्वावलंबन रोजगार योजना की सीमाओं को दूर किया जाएगा। जिसमें केवल 18 इकाइयों को सालाना वित्त पोषण दिया गया है। नई योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के स्कॉलर कॉलेज छोड़ने वाले सहित विविध लाभार्थियों का समर्थन किया जाएगा। इस योजना का लाभ स्कूल और कॉलेज छोड़ने वाले, व्यक्तिगत उद्यमी, पेशेवर व्यापारिक, कारीगर दिव्यांग व्यक्ति और विधवाएं प्राप्त करेंगी। इससे लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनने और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

दिल्ली सरकार ने छोटे उद्योगों और दुकानदारों को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन रोज़गार योजना शुरू करने का निर्णय लिया हैं। यह योजना व्यक्तिगत उद्यमियों, व्यापारिक पेशेवरों, कारीगरों और वंचित वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों और विधवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना का कार्यान्वयन दिल्ली खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (केवीआइसी) के माध्यम से किया जाएंगा। जो इसे नोडल एजेंसी के रूप में संभालेगा।

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उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस योजना के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा है कि यह छोटे व्यवसाय और व्यक्तियों को अपने गतिविधियों का विस्तार करने और रोज़गार के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी बताया है कि यह पहल दिल्ली सरकार की ज़मीनी स्तर पर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसरों को सुरक्षित करने के प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 

मु्ख्यमंत्री स्वावलंबन रोज़गार योजना का उद्देश्य छोटे उद्योगों और दुकानदारों को आत्मनिर्भर बनाना है। दिल्ली के समग्र विकास में योगदान देना है। इस योजना के माध्यम से पिछले समय में कार्यान्वित स्वावलंबन रोज़गार योजना की सीमाओं को दूर किया जाएंगा। जिसमें केवल 18 इकाइयों को सालाना वित्त पोषण दिया गया था। नई योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के स्कूल और कॉलेज छोड़ने वालों सहित विविध लाभार्थियों का समर्थन किया जाएगा।

इस योजना का लाभ स्कॉलर कॉलेज छोड़ने वाले, व्यक्तिगत उद्यमी, पेशेवर व्यापारिक, कारीगर, दिव्यांग व्यक्ति और विधवाएं प्राप्त करेंगी। इससे लाभार्थियों को आत्मनिर्भर बनने और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय सहायता………………

योजना के तहत ऋण विभिन्न क्षेत्र में जैसे लघु या कुटीर उद्योग, व्यापार, परिवहन, होटल, और रेस्तरां तथा सेवा क्षेत्रों में प्रदान किए जाएंगे। पात्र परियोजनाओं के लिए ऋण की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए होगी। हालांकि, सरकारी संस्थानों से लिए गए अनुचित और बकाया ऋण वाले आवेदक इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए 10% सब्सिडी जबकि महिलाओं, एससी, एसटी और पूर्व सैनिकों के लिए 15% और दिव्यांग व्यक्तियों तथा विधवाओं के लिए 20% सब्सिडी उपलब्ध होगी। किसी भी श्रेणी के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी।

ऋण, ब्याज, दर, और शर्तें…………..

15  लाख रुपए तक के ऋण पर 6% और 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज दर 7% होगी।

ऋण के लिए सुरक्षा और हाइपोथिकेशन की आवश्यकता होंगी।

आवेदक की आयु 18 वर्ष से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

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