एमपी में टेंडर लेने की शर्ते होंगी कठिन, 80% से कम दर भरी तो देना होगा, 2 गुना परफॉर्मेंस सिक्योरिटी की एफडी।
सभी निर्माण विभागों के लिए एक मानक निविदा दस्तावेज़ वर्ष 2014 में तैयार किया गया था। कालांतर में हुए तकनीकी विकास और नियमों में परिवर्तन के कारण इस दस्तावेज़ में अनेक सुधारो की गुंजाइश है। इस दौरान अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता एमडी एमपीआरडीसी अविनाश लावनिया, एमडी एमपीबीडीसी डॉ पंकज जैन अन्य सभी मुख्य अभियंता, वरिष्ठ अधिकारी एवं इंजीनियर उपस्थित रहें।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।
अव्यवहारिक दरें डालकर टेंडर प्राप्त करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए 80% से कम दरें डालने वाले निविदाकर्ताओं से अंतर की दो गुनी परफॉर्मेंस गारंटी ली जाएगी। इसके साथ ही बैंक गारंटी के स्थान पर फिक्स्ड डिपॉजिट रिसिप्ट के माध्यम से परफॉर्मेंस सिक्योरिटी लिए जाने पर भी लोक निर्माण विभाग विचार कर रहा है।
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PWD मंत्री राकेश सिंह ने प्रशासनिक अकादमी मैं निर्माण क्षेत्र में नवीन तकनीकों पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भेज कर तीन अध्ययन दल से निविदा शर्तों का अध्ययन कराया गया है।
इन दलों से प्राप्त सुझावों को इस कार्यशाला में सम्मिलित करते हुए इन पर विस्तार से चर्चा की गई है। अब इसी आधार पर निविदा शर्तों को ऐसा बनाया जाएगा कि सभी तरह के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई गड़बड़ी न हो। इस निर्माण कार्यों को और अधिक पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण एवं अधिक प्रभावी बनाया जा सकता हैं।
ठेके लेने की प्रवृत्ति पर लगेगा अंकुश…………
PWD मंत्री राकेश सिंह जी ने कहा है कि प्रस्तावित निविदा नीति से क्षमता से अधिक कार्यों के ठेके लेने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए बेड कैपेसिटी संबंधी शर्तों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। निविदाकर्ता के पास बैच मिक्स प्लांट, डब्लू एम एम मिक्स प्लांट, एवं अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता संबंधी शर्त जोड़ने का सुझाव मिला हैं। सभी निर्माण विभागों के लिए एक मानक निविदा दस्तावेज़ वर्ष 2014 में तैयार किया गया था। कालांतर में हुए तकनीकी विकास और नियमों में परिवर्तन के कारण इस दस्तावेज़ में सुधार की गुंजाइश हैं।
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इस दौरान अपर मुख्य सचिव के. सी. गुप्ता एमडी एमपीआरडीसी अविनाश लावनिया, एमडी एमपीबीडीसी डॉक्टर पंकज जैन, ईएनसी पीडब्ल्यूडी के.पी.एस. राणा, ईएनसी एस. आर. बघेल, ईएनसी भवन विकास निगम अनिल श्रीवास्तव सहित विभाग के अन्य सभी मुख्य अभियंता, वरिष्ठ अधिकारी एवं इंजीनियर उपस्थित रहें।
2 करोड़ से अधिक लागत वाली सभी निविदाओं में प्री क्वालिफिकेशन शर्तें लागू की जाएं। पूर्व में यह सीमा 5 करोड़ थी।
अनुमानित लागत के 20% के बराबर के तीन कार्य के अनुभव के स्थान पर 40% के तीन कार्यों को रखा जाएं।
निविदाकर्ता के पास उपलब्ध मानव संसाधन और उपकरणों के लिए न्यूनतम शर्तें जोड़ी जाएं।
2 करोड़ से अधिक के सड़क निर्माण कार्यों के लिए निर्माण स्थल पर गुणवत्ता परीक्षण लेब की स्थापना अनिवार्य की जाएं।
गुणवत्ता नियंत्रण के लिए समय-समय पर किए जाने वाले परीक्षणों, डामर की गुणवत्ता आदि से संबंधित शर्तें भी जोड़ी जाएं।