मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस पूर्ण श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर उस वीर बालक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डाला गया प्रकाश
आयुष पाण्डेय,बहराइच। माघ शुक्ल पंचमी को विद्या भारती विद्यालय सनातन धर्म सरस्वती शिशु मंदिर/शिशु वाटिका में बुधवार को विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस पूर्ण श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य यजमान के रूप में पधारे कदम नागर सपत्नीक, वरुण गुप्ता सपत्नीक एवं प्रधानाचार्य मुनेंद्र दत्त शुक्ल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, पुष्पार्चन के साथ हवन पूजन कार्यक्रम संपन्न किया।
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प्रधानाचार्य ने अतिथियों का परिचय कराया एवं प्रतीक चिह्न देकर उनका स्वागत कराया। इस अवसर पर कक्षा प्रथम एवं द्वितीय के अभिभावक सपत्नीक आये, जिनका उनके पाल्यों द्वारा विधि विधान एवं मंत्रोच्चारण के साथ मातृ-पितृ पूजन कराया गया। साथ ही मानव जीवन के 16 संस्कारों में से नवां संस्कार ‘विद्यारंभ संस्कार’ बड़े धूमधाम से सम्पन्न कराया गया। जिसमें 72 शिशुओं ने प्रतिभाग किया।
आज ही के दिन ज्ञान विज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्म दिवस पर वरिष्ठ आचार्य विजय शंकर तिवारी ने अपने विचार हम सबके समक्ष रखे। वरिष्ठ आचार्य राकेश तिवारी ने बसंत ऋतु में हो रहे प्रकृति के स्वरूप परिवर्तन के बारे में अपने विचार व्यक्त किया। भैया शिवाय तिवारी ने वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर उस वीर बालक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
मनोज दीक्षित आचार्य एवं अरुण दीक्षित ने महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जन्म दिवस पर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। बहन आराध्या की टोली, बहन सोनिका की टोली, बहन शाम्भवी मिश्रा की टोली तथा भैया कर्तव्य की टोली ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा कार्यक्रम को संगीतमय बना दिया। शिशु वाटिका की संचालिका श्रीमती हीरा सिंह ने आए हुए अतिथियों एवं अभिभावकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के पश्चात प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ।
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