मौलाना शहाबुद्दीन ने सीएम योगी के बाटोगे तो काटोगे के नारे का किया समर्थन, कहा कि पूरे हिंदुस्तान के लिए है बयान, इसको समझने की जरूरत है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की मंशा यह है कि भारत में रहने वाले जितने भी नागरिक हैं चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई क्यों ना हो, वह सभी लोग मिल-जुल कर रहे।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार बरेली (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बीच बटोगे तो कटोगे के नारे पर सियासत गरम है। मुख्यमंत्री योगी की ओर से दिए गए बयान बटोगे तो कटोगे को लेकर सियासत तेज है। सीएम योगी के इस नारे का असर सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है।
इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए गए बयान बटोगे तो कटोगे को बड़े परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने यह बयान उस समय दिया, जब बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन चल रहा था। आंदोलनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना तख्ता पलट दिया था।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की मंशा यह है कि भारत में रहने वाले जितने भी नागरिक हैं, चाहे वह हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई क्यों ना हो, वह सभी लोग मिल-जुलकर कर रहे। एक साथ रहे और एक -दूसरे का सम्मान करते रहे। बटें नहीं। अगर बटेंगे तो देश का नुकसान होगा और बांग्लादेश की तरह अराजकतत्व और कट्टरपंथी विचारधारा के लोग देश को अस्थित कर देंगे। इसीलिए पूरे हिंदुस्तान में रहने वाले सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर रहें।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को पॉजिटिव नजरिए के साथ देखना चाहिए। समझने की जरूरत है कि 1857 से लेकर 1947 तक की जंगे आजादी में हिंदू और मुसलमान ने मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर देश को आजाद कराया है।
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मौलाना ने कहा कि देश की आजादी में किसी भी समुदाय की कुर्बानी को कम नहीं आंका जाना चाहिए। यह भारतवासियों की एकता और अखंडता का नतीजा है कि देश आजाद हुआ और सभी नागरिक आजादी की सांसें ले रहे हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को इस परिप्रेक्ष्य में भी देखा जाना चाहिए कि अगर भारत के पड़ोसी देश भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं और अपनी जमीन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए देते हैं। तो ऐसे सूरत-ए-हाल मैं भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बन जाती है कि भारत के ही तो और उसकी एकता, अखंडता के लिए सभी धर्म के लोगों को उठ खड़ा होना होगा। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह नारा भारतीयता का प्रतीक है। यह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं है, बल्कि सभी देशवासियों के लिए हैं। मैं सभी लोगों से यही कहना चाहता हूं कि इसको सिर्फ हिंदुत्व के नजरिए से न देखा जाए।