महाराष्ट्र में एक मामूली आदमी ने किया 10 हज़ार करोड़ का खेल, 269 बैंकों से रकम ट्रांसफर प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया।
प्रवर्तन निदेशालय ने 2 जनवरी को ही मुंबई, और वाराणसी की 11 लोकेशन पर रेड मारी थी। यह मामला विदेश में अवैध तरीके से रकम ट्रांसफर का था। इसी के बीच सामने आया है कि कैसे जितेंद्र पांडे नाम के शख्स ने 10 हज़ार करोड़ का बड़ा खेल खेल दिया। रेड के दौरान एजेंसी ने एक करोड रुपए कैश और जूलरी बरामद किए हैं। इसके अलावा, कुछ दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं। जिनसे बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। पुलिस ने जितेंद्र पांडेय एवं अन्य कुछ लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर की थी। इसी के आधार पर ईडी ने जांच तेज की थी। लोगों ने सेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया था और उनके नाम पर ही बैंक खाते खुलवाए गए थे।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार महाराष्ट्र।
महाराष्ट्र में एक मामूली आदमी ने 10 हज़ार करोड़ का खेल खेला, 269 बैंकों से रकम ट्रांसफर प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। जिसके तहत एक ही आदमी ने 10 हज़ार करोड़ रुपए की रकम विदेश भेज दी। ठाणे के रहने वाले जितेंद्र पांडेय पर आरोप है कि उसने 269 बैंक खातों के जरिए इस पूंजी को ट्रांसफर किया है। यही नहीं इस रकम के लिए उसने 98 डमी कंपनियां बनाई। 12 प्राइवेट कंपनी में बनाई गई हैं। इन्हीं कंपनियों के नाम पर रकम जुटाई गई है। फिर उसे विदेशों में ट्रांसफर कर दिया गया। आरोपी ने हाॅन्गकाॅन्ग, सिंगापुर और थाईलैंड में स्थित कंपनियों के खातों में यह मोटी रकम भेजी। माल भाड़े के नाम पर यह रकम ट्रांसफर कर दी गई है।
इन्हीं फर्जी कंपनियों के नाम पर 269 बैंक खाते भी खुलवाएं गए और फिर फ्रॉड हुआ।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने 2 जनवरी को ही मुंबई, ठाणे और वाराणसी की 11 लोकेशंस पर रेड मारी थी। यह मामला विदेशों में अवैध तरीके से रकम ट्रांसफर का था। इसी बीच जांच के दौरान सामने आया कि कैसे जितेंद्र पांडेय नाम के शख्स ने 10 हज़ार करोड़ रुपए का बड़ा खेल खेल दिया। रेड के दौरान एजेंसी ने एक करोड़ रुपए कैश और ज्वेलरी बरामद किए हैं। इसके अलावा, कुछ दस्तावेज़ भी बरामद हुए हैं। जिनसे बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति की जानकारी मिली है।
दरअसल, ठाणे पुलिस ने जितेंद्र पांडेय एवं अन्य कुछ लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ कराई थी। इसी के आधार पर ईडी ने जांच तेज की थी। ईडी का कहना है कि इन लोगों ने सेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया था। और उनके नाम पर ही बैंक खाते खुलवाए गए थे।
फिर इन बैंक खातों के जरिए 10 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की रकम विदेशों में भेजी गई। ठाणे पुलिस की इकोनाॅमिक ऑफेसेज विंग ने जितेंद्र पांडेय और कुछ अन्य लोगों अरेस्ट किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक की जांच के आधार पर कहा है कि विदेशों में माल भेजने या मंगाने के नाम पर यह सब खेल हुआ है।
अब तक यह जानकारी नहीं मिली है कि रकम किन लोगों की है। जो ट्रांसफर की गई है। ईडी के अनुसार, जितेंद्र पांडेय और उसके साथियों को कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट मदद कर रहे थे। फिलहाल इस मामले की जांच तेज है, और कुछ चौंकाने वाले खुलासे आने वाले दोनों में और हो सकते हैं।
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