महापंचायत में राकेश टिकैत ने आंदोलन का किया ऐलान, बोले – किसानों को भूमिहीन बनाना चाह रही सरकार।
राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं मिल रहा है। एमसपी के नाम पर किसानों के साथ धोखा होता है। किसानों की फसलों को कम दाम पर खरीद कर उनके गठित उद्योगपति खुद किसान बनकर सरकार को बेचते हैं। टिकैत ने कहा है कि देश में जमीन सस्ते दाम में खरीदने का एक बड़ा धंधा बन चुका है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार जिला पीलीभीत (उत्तर प्रदेश )।
भारतीय किसान यूनियन की ओर से मंगलवार को मंडी में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शामिल हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान राकेश टिकैत ने सरकार पर जमकर हमला बोला। इसके साथ आंदोलन का ऐलान भी किया।
राकेश टिकैत ने कहा कि बीते दिनों तीन काले कानून सरकार लेकर आई थी। किसानों ने जब 13 महीने का आंदोलन दिल्ली के बॉर्डर पर किया, तो यह कानून वापस ले लिए गए। लेकिन अब भारत सरकार एक मसौदा फिर से लेकर आई है। जिससे मंडी धीरे-धीरे कम होगी। मंडी में किसानों का अनाज नहीं आएगा। न ही मंडी का रेवेन्यू आएंगा। जिसके चलते धीरे-धीरे मंडी खत्म हो जाएंगी। मध्य प्रदेश की तर्ज पर 500 से 1000 मीटर के बड़े-बड़े प्लॉट काटकर सरकार के लोगों को 99 साल की लीज पर दिए जाएंगे। बिहार में मंदिरों को बाजार समिति कहा जाता है। 2006 से यह बाजार समिति बंद है। इन जमीनों को भी सरकार के लोगों को भी देने के तैयारी है। धीरे-धीरे यही व्यवस्था उत्तर प्रदेश में लागू करने की तैयारी है।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं मिल रहा है। एमसपी के नाम पर किसानों के साथ धोखा होता है। किसने की फसलों को कम दाम पर खरीदकर उनके कथित उद्योगपति खुद किसान बनकर सरकार को बेचते है। देश में ज़मीन सस्ते दाम में खरीदने का एक बड़ा धंधा बन चुका है। 2013 के बाद सरकार ने सर्किल रेट नहीं बढ़ाएं। क्योंकि सरकार चाहती है कि देश का किसान भूमिहीन हो जाएं और मजदूरी करें।
अधिकारी के ख़िलाफ़ करेंगे आंदोलन………..
नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पीलीभीत में किसानों को टारगेट किया जा रहा है। सिख संप्रदाय के लोगों को प्रताड़ित किया गया किसी को भी आंदोलन में शामिल होने से रोका गया। तो उसे अधिकारी के ख़िलाफ़ 72 घंटे का आंदोलन होंगा।
2047 तक जो अपनी ज़मीन बचा लेगा, वहीं जिंदा रहेगा…………
जब देश अपनी आज़ादी का 100 साल मना रहा होगा, तब तक 70% जमीनें व्यापारियों के पास पहुंचने की तैयारी की जा रही है। इसे रोकने के लिए किसान को आगे आना पड़ेगा। इसके लिए एक पीढ़ी को ज़मीन बचाने का आंदोलन करना है। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बजट में किसानों को कुछ नहीं दिया।
अगर बजट में किसानों को कुछ दिया जाता है तो किसानों को गरीब कैसे किया जाता है और उनकी ज़मीनें कैसे ली जाती है?
सरकार की नीति है कि किसान कर्ज़ लें और व्यापारियों का कर्ज माफ हो। बजट में कर्ज बढ़ाने की बात हुई है। फसल का दाम बढ़ाने की नहीं।
कुंभ में स्नान नहीं किया तो ताना मारेंगे………….
राकेश टिकैत ने कहा है कि कल कुंभ का आखिरी दिन है। जो प्रयागराज नहीं जा पाएं वह बहते हुए पानी में कहीं भी नहा लें। अगर किसी ने कुंभ में स्नान नहीं किया , तो उसे जीने नहीं दिया जाएंगा और उसे ताने मारे जाएंगे।
भारत सरकार देश में भाई का माहौल बना रही है। लोगों के दिमाग में आ चुका है, अब विचारों का आंदोलन शुरू होंगा। राकेश टिकैत ने कहा, “देश में दो तरीके के हिंदू है, एक हिंदू जो अभी नए-नए बनें है, उन्हें नंगी हिंदू कहा जाता है। इनका सर्टिफिकेट महाराष्ट्र से जारी होता है, और दूसरे हिंदू भारतीय है।
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